सहारनपुर : राधा विहार स्थित औघड़ दानी नर्मदेश्वर महादेव के भव्य भभूतनाथ श्रृंगार अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि महादेव सृष्टि प्रलय को भस्म रुप में धारण कर भभूतनाथ कहलाए। श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वधान में श्रावण मास पूजा में प्रथम सोमवार को औघड़ दानी नर्मदे हर महादेव का दूध दही घी शक्कर आदि से महा स्नान कराया गया और स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज के सानिध्य में रुद्री पाठ शिव सहस्त्रनाम से महादेव का महा रुद्राभिषेक किया गया तत्पश्चात महादेव को भस्मा चढ़ाई गई इसके उपरांत चंदन कुमकुम अबीर गुलाल से महादेव के भभूतनाथ श्रृंगार को दिव्य रूप में श्रृंगारित किया गया। महादेव को महाभोग अर्पण कर भगवान भोलेनाथ की महा आरती उतारी गई और प्रसाद वितरण किया गया।
शिव की महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा की सृष्टि का सतत कर्म नश्वर रूप ही है जिस नश्वरता को सदाशिव अपने तन पर भस्म रुप में धारण कर जनमानस का कल्याण करते हैं सृष्टि का प्रत्येक तत्व नश्वर है जिसको अंत में शिव ने ही समाहित होना है यही सनातन सत्य है महाराज श्री ने कहा की शिव का स्वरूप ज्योतिर्मय है जो प्रत्येक जीव के आत्म तत्व में चेतन होकर विराजते हैं उन्होंने कहा कि शिव ही मुक्ति का साधन है शिव के बिना जीव की सद्गति संभव नहीं है समस्त सृष्टि शिव में ही समाहित हो जाती है शिव ज्योतिरमरय हो समस्त चराचर में विराजते हैं ।
उन्होंने कहा की शिवजी शिवजी पर जलाभिषेक नियमित करने से जीव की पापअग्नि शांत होती है क्योंकि समुद्र मंथन के समय शिव जी ने समस्त सृष्टि का विकार विषरूप में पान किया जिससे शिवजी ज्वाला भयंकर भयंकर तपिश रूप में निकलने लगी जिससे देवो ने उनके शरीर का अभिषेक करना प्रारंभ किया और सृष्टि को शिव सहित शांति प्राप्त हुई और जन जन का कल्याण हुआ जो जीव शिवपर नियमित अभिषेक करते हैं उनका कल्याण अवश्य होता है अवसर पर अरुण स्वामी पंडित नीरज मिश्रा पंडित विष्णु शर्मा पंडित योगेश तिवारी रमेश शर्मा अनिल कश्यप अनिल चौहान मनोज चौहान राहुल त्यागी पवन धीमान सुशील गुप्ता वर्षा किरण उमा सुचेता ममता बबली रीता अत्रि कविता कुसुम आदि ने पूजा में शामिल होकर धर्म लाभ उठाया।