मिले आसरा भोले

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


मेरी कामना पूरी कर दो,

अब तो भोलेनाथ ,

जो भी अर्पण करूं आपको,

मन से ले लो नाथ ।

मेरी कामना पूरी .....

जीवन भर मैं लेता आया,

दिया आपनें हांथ,

आज करूं मैं यही कामना,

दे दो मेरा साथ ।

मेरी कामना पूरी ....

उदर भरा जीवन भर मेरा,

दी श्वांसें बेहिसाब,

भक्ति-भाव भर दो मन में,

बस ऐसा करो हिसाब।

मेरी कामना पूरी .......

जीवन चलता रहे हमेशा,

नहीं करूं कोई पाप,

मन भर करता रहूं पूण्य में,

ना हो कोई संताप।

मेरी कामना पूरी .....

जीवन की हर एक डगर में,

भोले तेरी राह निहारूं,

मिले आसरा जब भी तेरा,

मनभर कर मुस्कानें बाटूं।

मेरी कामना पूरी ...


कार्तिकेय त्रिपाठी 'राम'

गांधीनगर, इन्दौर, (म.प्र.)