प्रेम


युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

आओ रिश्ता बोये,

प्रेम के  बीज डाल कर

विश्वास  से सीचे

यह प्रकृति का नियम है

हर पौधे को हवा पानी

और सूरज के प्रकाश की

आवश्यकता होती है।

उसी तरह

हर रिश्ते को सच्ची भावना

दिखावटी नहीं भागीदारी,

सच्चे समर्थन और

उस अपनेपन की

आवश्यकता होती है,

जिसमें वो रिश्ता सदैव

हरा- भरा रह सके ।

सकंल्प ले विश्वास की

डोर से रिश्तो को

स्नेह से संजो लो।

परिवार रूपी सदस्य को

माला की भाँति पिरो लो।

त्याग  की नौका मे बैठो ,

खुशियाँ आपार मिलेगी।

निस्वार्थ बगीचे मे

रिश्तो की मिठास होगी।

मनमुटाव की खतपतवार 

को उखाड़ फेको।

दिल की बगीया 

हरी -भरी  मिलेगी ।

आकांक्षा रूपा चचरा,

वरिष्ठ कवयित्री व शिक्षिका,

कटक ओडिशा-8984648644