ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि की समस्या है। यह समस्या मस्तिष्क के लिए घातक होती है, जिसमें सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। भारत में ब्रेन ट्यूमर एक बड़ी समस्या है। देश में ब्रेन ट्यूमर को लेकर साल 2018 की एक रिपोर्ट में इसे 10वें सबसे आम प्रकार के ट्यूमर के रूप में वर्गीकृत किया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, हर साल ब्रेन ट्यूमर से होने वाली मृत्यु दर चिंता का कारण हैं। ब्रेन ट्यूमर के लक्षण मिलने के बाद चिकित्सा उपचार होता है लेकिन इस बीमारी से बचने के लिए दिमाग को सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। योग मन और तन के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। ऐसे में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए कुछ जरूरी योगासन के बारे में जान लीजिए। इन योगासनों का नियमित अभ्यास दिमाग की क्षमता और एकाग्रता को बढ़ाता है और ब्रेन ट्यूमर के खतरे को भी कम कर सकता है।
ताड़ासन
ताड़ासन का नियमित अभ्यास शरीर की मांसपेशियों को लचीला बनाता है। इस आसन को करते समय गहरी सांस लेने की वजह से फेफड़ों में फैलाव आता है, जिससे इसकी सफाई होती है। इस आसान को करने से एकाग्रता बनी रहती है और श्वास संतुलित रहती है।
ताड़ासन करने का तरीका
ताड़ासन को अभ्यास करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। ध्यान रखें कि अभ्यास के दौरान कमर और गर्दन झुके नहीं। अब दोनों हाथों को ऊपर करते हुए धीरे धीरे सांस लेते हुए शरीर को खींचें। दो से चार मिनट तक इस अवस्था में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।
वज्रासन
वज्रासन का अभ्यास हृदयगति को नियंत्रित करता है और स्ट्रेस हार्मोंन काॅर्टिसोल को घटाकर तनाव कम करता है। वज्रासन के अभ्यास से जांघों और पिंडलियों की नसें व मांपेशियां मजबूत होती हैं। वज्रासन करने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। पीठ व पैर के गर्द में आराम मिलता है।
वज्रासन करने का तरीका
वज्रासन करने के लिए जमीन पर दोनों पैर फैलाकर सीधे बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को कुल्हे के पास फर्श पर टिका लें। ध्यान रखें कि पूरा भार हाथों पर न आएं। पहले दायां और फिर बायां पैर मोड़कर कूल्हे के नीचे ले जाएं। दोनों जांघों और पैर के अंगूठे को आपस में सटा लें।
भ्रमण प्राणायाम
दिमाग की सेहत के लिए नियमित भ्रमण प्राणायाम कर सकते हैं। यह आसन सांस लेने और छोड़ने से संबंधित है। इसे ब्रीदिंग तकनीक भी कहते हैं। भ्रमण प्राणायाम के अभ्यास से नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्ति मिल सकती है। वहीं एकाग्रता, स्मृति और आत्म विश्वास में बढ़ावा होता है।
भ्रमण प्राणायम करने का तरीका
इस आसन को करना सरल है। भ्रमण प्राणायाम करने के लिए टहलते समय शरीर को सीधा रखते हुए सांस धीरे धीरे लें। अच्छी तरह से गहरी सांस लेते हुए सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस लेने से ज्यादा सांस छोड़ते समय आपको समय लेना है। हर 5 से 7 कदमों के बीच तक अंदर ही सांस को रोके और धीरे धीरे समय लेकर छोड़ें। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार दोहराएं।