प्रगतिशील किसान राकेश वर्मा ने बिना यूरिया के तैयार की गन्ना की नर्सरी

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

पीलीभीत। मोदी सरकार किसानों से जैविक और प्राकृतिक खेती करने की अपील कर रही है जिससे मिट्टी और पर्यावरण को बचाया जा सके ।पीलीभीत जिले के गजरौला थाना क्षेत्र के गांव महुआ निवासी प्रगतिशील किसान राकेश वर्मा गन्ना की खेती प्राकृतिक और जैविक विधि से कर रहे हैं। किसान ने 23 सितंबर  को शरदकालीन गन्ना की नई प्रजाति सीओ 15023 की बुवाई की थी। किसान ने बताया गन्ना को एक आंख के टुकड़े में काट कर ट्रेंच विधि से बुबाई की ।बुबाई के समय किसान ने 3 बीघा खेत में 20 किलो डीएपी उर्वरक को डाला था उसके बाद रासायनिक उर्वरकों को खेत में नहीं डाला। गन्ना की नई किस्म को किसानों को वितरित की जाएगी जिससे किसानों को कम लागत में अच्छी उपज मिल सके वही जमीन और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। खेत में 7 से 8 फीट ऊंचाई का गन्ना खड़ा है ।वही गन्ना की नई किस्म  सीओ 15023 में गन्ना की अन्य वैरायटी की अपेक्षा चीनी की मात्रा भी अधिक है। जिससे किसानों के साथ साथ चीनी मिलों को भी फायदा मिलेगा। सीजन 2021-22 में गन्ना की प्रजाति सीओ 0238 में रेड रॉड (लाल सड़न ) रोग लग जाने से किसानों का गन्ना खेतों में सूख गया जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। चीनी मिलों ने किसानों को नई प्रजातियों की नर्सरी तैयार करने के लिए बीज दिया। 

उर्वरकों के कम प्रयोग से मिट्टी की  उपजाऊ शक्ति बनी रहेगी  किसानों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव कैंपेन किया जा रहा है। किसानों ने दानेदार यूरिया का प्रयोग कम किया है मिट्टी और पर्यावरण के लिए बहुत अच्छी खबर है। किसानों से फसलों में नैनो यूरिया के प्रयोग की कहा जा रहा है। महुआ के प्रगतिशील किसान ने बिना यूरिया की गन्ना की नर्सरी तैयार की है।

जितेंद्र कुमार मिश्रा 

जिला गन्ना अधिकारी 

पीलीभीत

रासायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग से पर्यावरण खराब हो रहा है वही मिट्टी में मौजूद जीवांश भी खत्म हो रहे हैं जिससे मिट्टी में कुछ भी पैदा करना संभव नहीं होगा किसान रसायनिक खादों के प्रयोग कम कर रहे है यह बहुत अच्छी पहल है। बिना यूरिया के उत्पाद की गुणवत्ता बहुत अच्छी होगी।

डॉ0 एसएस ढाका 

कृषि वैज्ञानिक 

पीलीभीत