उसूलों की किताब थे मेरे पापा
ज्ञान का भंडार थे मेरे पापा !!
हम कुछ भी नही उनके सामने
शब्दो के बादशाह थे मेरे पापा !!
गीता का अनुवाद अंग्रेजी में
20वी सदी में कर गए मेरे पापा !!
हमेशा साईकल में चले मेरे पापा
हज़ारों को कार के काबिल बनाया !!
शिक्षित कर योग्य बना गए मेरे पापा,
मेरे जीवन के रुतबा थे मेरे पापा !!
मेरे लिए सुंदर सी फ्रॉक लाते थे मेरे पापा
फटी बनियान से साल गुजार देते मेरे पापा
आज भी चांद के इर्द गिर्द नजर आते हैं पापा
ज्ञान का भंडार और उसूलों की किताब थे
मेरे पापा ..........!!
स्वरचित
भगवती सक्सेना गौड़
बैंगलोर