तीखा तीर

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

बिल्ली  हर  दम  सोचती 

कहीं रखा दूध मिलजाय 

नज़र  काहू  की  न  पड़े 

मूंद आँख  ड़कारा जाय 

     वीरेन्द्र तोमर