जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित निस्तारण करें अधिकारी: डीएम

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

गोण्डा। जिलाधिकारी डॉ० उज्ज्वल कुमार ने कहा कि जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित निस्तारण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई अथवा शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जनसुनवाई, आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन, तहसील व थाना दिवस हेतु समय-समय पर विस्तृत निर्देश दिये गये है, जिनका शत-शत अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी कार्यालय में समस्त कार्यदिवसों में प्रातः 10 बजे से 11 बजे तक स्वयं जनसुनवाई सुनिश्चित करें एवं "Then & There" समस्याओं का निस्तारण करें। 

उन्होंने कहा कि तहसील एवं थाना स्तर पर आने वाले भूमि सम्बन्धी विवादों का निस्तारण संयुक्त टीम के माध्यम से कराना सुनिश्चित करे तथा स्थानीय स्तर पर प्राप्त शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध निस्तारण कराये। उन्होने कहा कि जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत पाये जाने एवं जनशिकायतों के निस्तारण अधिकतम लम्बित रखने वाले ब्लाक, तहसील व थाना के अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिऐ। 

उन्होंने यह भी कहा कि जनसुनवाई के वक्त मा० जनप्रतिनिधियों से प्राप्त जनसमस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए तथा उनके साथ समय / समय पर बैठक कर समस्याओं का सकारात्मक समाधान भी किया जाए। साथ ही साथ सरकारी नम्बर पर सम्बन्धित अधिकारी द्वारा स्वयं उत्तर दिए जाने एवं मा० जनप्रतिनिधियों से दूरभाष पर सम्पर्क में रहकर समन्वित रूप से जनसमस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित कराये।

जिलाधिकारी ने कहा कि शीघ्र ही जनसुनवाई व आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाईन की वह स्वयं समीक्षा करेगे एवं यदि जनसुनवाई में अधिकारियों की अनुपस्थिति, आईजीआरएस एवं सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित निस्तारण नही होता है, तो सम्बन्धित जिलास्तरीय अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।उन्होंने प्रभारी अधिकारी जनशिकायत / मुख्य राजस्व अधिकारी को निर्देश दिये कि जनशिकायतों की दैनिक समीक्षा कर निस्तारण की स्थिति से अधोहस्ताक्षरी को प्रतिदिन सायंकाल अवगत कराना सुनिश्चित करें साथ ही उन्होंने यह भी शंकहा कि जिन विभागों/ अधिकारियों के स्तर पर जनशिकायतों के निस्तारण की स्थिति संतोषजनक न हो, उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करें।