ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए दिनचर्या में शामिल करें योग

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

बढ़े हुए रक्तचाप के स्तर यानी की हाइपरटेंशन को 'साइलेंट किलर' डिजीज माना जाता है, इसका शरीर के कई अंगों पर गंभीर रूप से नकारात्मक असर हो सकता है। पिछले कुछ समय से कम उम्र के लोगों में भी यह समस्या काफी तेजी से बढ़ती हुई देखी जा रही है, इसके लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ आहार में गड़बड़ी और जीवनशैली की समस्याओं को प्रमुख कारण मानते हैं। विशेषकर सेंडेंटरी लाइफस्टाइल यानी की शारीरिक निष्क्रियता को गंभीर जोखिम कारक के तौर पर देखा जाता रहा है।

रक्तचाप अगर लगातार बढ़ा रहता है और इसे नियंत्रित करने के उपाय नहीं किए जाते तो इसके कारण हृदय रोगों और गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। 

इस वैश्विक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।  साल 2022 के लिए वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे का थीम है- ''रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें''।

अध्ययनों से पता चलता है कि जीवनशैली की निष्क्रियता को कम करके, योग-व्यायाम करने की आदत बनाकर हाइपरटेंशन को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं कि दिनचर्या में किन योगासनों को शामिल करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है?

सुखासन योग का अभ्यास

सुखासन योग, शरीर को आराम देने वाले कारगर योगाभ्यासों में से एक है। यह आसन तंत्रिका तंत्र पर काम करके उसकी क्रिया को नियंत्रित करने और उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने में आपकी मदद करती है। जिन लोगों को अक्सर रक्तचाप बढ़ने की समस्या रहती है उन्हें नियमित रूप से इस योग की आदत बनानी चाहिए। सुखासन योग रक्तचाप को कंट्रोल करने के साथ शरीर की मुद्रा में सुधार करने और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने में भी काफी सहायक अभ्यास है।

वज्रासन योग के अभ्यास से मिलेगा लाभ

रक्तचाप की समस्या को कंट्रोल करने के लिए वज्रासन योग भी काफी फायदेमंद अभ्यास माना जाता है। वज्रासन, मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग करने के साथ पैरों और जांघों की नसों को मजबूत करने और शरीर में रक्त परिसंचरण को सुधारने में काफी सहायक अभ्यास है। यह योग रक्त प्रवाह को ठीक रखने में भी मदद करता है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित बना रहता है। हर आयु के लोग इसका आसानी से अभ्यास कर सकते हैं।

पश्चिमोत्तानासन से रक्तचाप में मिलता है लाभ

पश्चिमोत्तानासन या सीटेड फॉरवर्ड बेंड पोज का अभ्यास शरीर को कई तरह के लाभ प्रदान करने में सहायक है। यह आसन लिवर, किडनी, अंडाशय और गर्भाशय को स्वस्थ रखने के साथ पेट में फैटी को कम करने और रीढ़ की हड्डी की बेहतर स्ट्रेचिंग में आपके लिए सहायक है। तंत्रिका तंत्र को आराम दिलाने के साथ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बनाए रखने के लिए रोजाना इस योग के अभ्यास की आदत बनाएं।