मीठी बातें

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


चाशनी सी बातें तेरी,

कानों में मधुरस घोल रही।

प्यार तुम मुझसे कितना करती,

धीरे से यह बोल रही।


मीठी वाणी तेरी बहुत,

अपना मुझे बनाती है।

जाना चाहता हूं दूर कभी,

पास खींच वह लाती है।


वाणी में है सरसता तेरी,

छल कपट ना झलके।

दीवाना हूं इन बातों का,

दिल मैं मेरे तू ही बोले।


कहांँ से लाई इतनी मिठास,

शब्दों से रस टपकता है।

जो भी बातें करले तुझसे,

तुझ पर ही वह मरता है।


काश मेरी वाणी हो मीठी,

बिगड़े काम सब बन जाएं।

दुश्मन भी मेरे मीत बने,

प्यार मुझे वह कर जाएं।।


          रचनाकार ✍️

          मधु अरोरा