प्राविधिक स्वयंसेवकों को किया गया प्रशिक्षण विभिन्न न्यायिक अधिकारीगण प्रशासनिक अधिकारी द्वारा दिया गया प्रशिक्षण

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

मऊ जनपद में माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में माननीय जनपद न्यायाधीश श्री रामेश्वर महोदय के मार्गदर्शन में आज दिनांकः 18.05.2022 को प्रातः 07.00 बजे से पराविधिक स्वयं सेवकों (पी0एल0वी0) का 04 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत आज प्रशिक्षण के तीसरे दिन पराविधिक स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण विभिन्न न्यायिक अधिकारीगण, प्रशासनिक अधिकारीगण द्वारा दिया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को सर्व प्रथम अपर जनपद न्यायाधीश पाक्सो, मऊ श्रीमती शबीह जेहरा द्वारा पाक्सो एवं कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न तथा महिलाओं के सम्बंध में भारतीय दण्ड संहिता के महत्वपूर्ण प्राविधानों के सम्बंध में बिस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गयी।

विशेष न्यायाधीश एस0सी0/एस0टी0 श्री अभिनय कुमार मिश्रा ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति अधिनियम 1989 के सम्बंध में बिस्तृत जानकारी प्रदान की ।

सिविल जज जू0डि0/एफ0टी0सी0 श्री संतोष कुमार वर्मा द्वारा दहेज उत्पीड़न अधिनियम 1961,498ए भारतीय दण्ड संहिता, घरेलू हिंसा एवं सिविल अधिकार अधिनियम 1955 तथा वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी।  

सहायक श्रमायुक्त श्री प्रभात कुमार ने श्रम कानून अधिनियम के अन्तर्गत न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948,श्रमिक क्षतिपूर्ति अधिनियम, श्रमिक कल्याण अधिनियम, अन्र्तराज्यीय श्रमिक कानून अधिनियम 1979, औद्योगिक अधिनियम 1947, नालसा स्कीम 2010 एवं कारखाना अधिनियम 1948 के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुॅवर मित्रेश सिंह कुशवाहा द्वारा लिंग आधारित स्त्री पुरुष कानून के सम्बंध में बताया गया। उन्होने बताया कि पी0सी0पी0एन0डी0एक्ट प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण प्रतिषेध अधिनियम के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी। उन्होने बताया कि यदि गर्भ में पल रहे शिशु का परीक्षण किसी अल्ट्रासाउंड संचालक द्वारा किया जाता है तो उसके लिए तीन साल की सजा का प्रावधान है। उन्होने बताया कि यदि कोई अल्ट्रासाउंड संचालक गलत करने का प्रयास करता है तो उसका लाइसेंस निरस्त किये जाने का भी प्रावधान है।