दृढ़ विश्वास हमको,एक नया प्यारा चमन बसाएंगे
जहां बहे गंगा समरसता की,धारा हम यहां बहाएंगे
हृदयों से कलुषता मिट जाए,वाणी मधुर बोलें ऐसी
कटुता के सारे बंधन तोड़,उर में मृदुलता भर जाएंगे
जाति धर्म और वैमनस्यता, नाता नहीं रहेगा इनसे
अविरल प्रेम सुधा रस बरसे, ऐसी बरखा बन जाएंगे
है दृढ़ विश्वास हमको, पुनीत कर्मों की आहुति देकर
सुखद सुरभित मन मंदिर, जीवन कलश भर जाएंगे
दीन दरिद्र बेबसी लाचारी,खत्म हो जाएंगी इस धरा से
चहुंओर व्याप्त हो भक्तिभावना,गीता का ज्ञान फैलाएंगे
स्वरचित एवं मौलिक
अलका शर्मा, शामली, उत्तर प्रदेश