विश्वास रखो सब योग हैं
कोई गरीब है किसी के पास धन अपार है
किसी के पास माता पिता का प्यार है
कोई माता-पिता परिवार के प्यार का मोहताज है
किसी के पास आधुनिक संसाधन अपार है
कोई एक पुराने साधन का मोहताज़ है
किसी के पास खुशियां अपार कोई दुखों
से बेजार है विश्वास रखो सब योग है
किसी का ईश्वर अल्लाह पर अपार विश्वास है
कोई नास्तिक नकारात्मक सोच कामचोर है
उसकी किस्मत ऐसी विश्वास का योग है
मेहनत ज़रूर करो पर सब योग है
लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, स्तंभकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, स्तंभकार, एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र