ऑफिस जाने वाले अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे ये योगासन, होंगे कई लाभ

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

स्वस्थ जीवन के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना बहुत आवश्यक माना जाता है। नियमित योग का अभ्यास करने से शरीर और मन, दोनों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि जीवनशैली की गड़बड़ आदतों के चलते मौजूद समय में कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी हद तक बढ़ गया है। जैसे दिन भर बैठे रहने, व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों की कमी, अस्वास्थ्यकर भोजन जैसी चीजें कई तरह की बीमारियों का कारण बनती जा रही हैं। ऐसे में विशेषकर जो लोग ऑफिस जाते हैं उन्हें दिनचर्या में योगासनों को जरूर शामिल करना चाहिए।

ऑफिस के काम के कारण आपको लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने की मजबूरी होती है, इसकी वजह से कमर दर्द जैसी समस्याएं लोगों में काफी सामान्य हो गई हैं। कमर के साथ पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाले दर्द से बचने और रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाए रखने के लिए ऑफिस जाने वाले लोगों के नियमित रूप से कोबरा पोज योग या भुजंगासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि इसके क्या लाभ हो सकते हैं?

भुजंगासन योग का अभ्यास कैसे करें?

योग विशेषज्ञ बताते हैं, योगासनों से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए इसका सही तरीके से और रोजाना अभ्यास किया जाना जरूरी होता है। कोबरा पोज के अभ्यास के सही तरीके को जानने के लिए पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।

इस योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं, दोनों हथेलियों को जांघों के पास रखें। अब अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं। शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डालते हुए सांस ले और सिर को उठाएं।  सिर को पीछे की तरफ खींचते हुए छाती को आगे की तरफ निकालें। इस स्थिति में कुछ समय तक बने रहें और फिर सांस छोड़ते हुए पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।

भुजंगासन योग के क्या लाभ हैं?

भुजंगासन योग का नियमित अभ्यास आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकता है। कंधे, कमर, पीठ और गर्दन की तमाम समस्याओं को कम करने के साथ फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में इसके लाभ देखे गए हैं।

भुजंगासन को मानसिक स्वास्थ्य में काफी लाभदायक माना जाता है, यह चिंता-अवसाद के लक्षणों को कम करता है।

कमर के निचले हिस्से के दर्द से राहत दिलाता है। 

शरीर में सूजन को कम करके नींद में सुधार करता है।

दिन भर बैठे रहने से बिगड़ी शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है।

फेफड़ों की स्ट्रेचिंग के साथ श्वसन प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करता है।

रीढ़ के लचीलेपन और शरीर में रक्त के संचार में सुधार करता है।

इन बातों का रखें खास ध्यान

भुजंगासन योग बहुत प्रभावी है और सूर्य-नमस्कार का एक हिस्सा है। हालांकि कुछ स्थितियों जैसे गर्भावस्था या आस्टियोपोरोसिस आदि में इस योग के अभ्यास को न करने की सलाह दी जाती है। अपने स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर सही योग का चयन करने के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।