हे कान्हा

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

हे कान्हा,

हाथ जोड़ करूँ

मैं तुझसे विनती

सुन ले बस

मेरी इतनी सी

है अर्जी।

कि तेरी यादों 

से कह,

सावन की तरह

बरस कर चली

  जाए।

यूँ आसमां

की तरह

छा कर

हर पल

मेरी तकलीफ

ना बढ़ाये।

हे कान्हा...।

गरिमा राकेश' गर्विता'

कोटा राजस्थान