बिगड़ता मौसम देख किसानों के उड़े होश, गेहूं की युद्ध स्तर पर कटाई व थ्रेसिग

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क   

मऊ जनपद में मौसम के अचानक खराब से किसानों के दिलों की धड़कन तेज हो गई है कई दिनों से अचानक मौसम में आये बदलाव से बारिश की आशंका से किसान परेशान हैं। अगर बारिश हुई तो फसलों का नुकसान लगभग तय है। किसानों के दर्द का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आसमान में बादल घिरते ही किसान आसमान की तरफ निहारने लगते है। 

बिगड़ता मौसम देख किसानों के उड़े होश, गेहूं की युद्ध स्तर पर कटाई व थ्रेसिग कोपागंज पिछले दिनों से अचानक मौसम में आये बदलाव से बारिश की आशंका से किसान परेशान हैं। अगर बारिश हुई तो फसलों का नुकसान लगभग तय है। किसानों के दर्द का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आसमान में बादल घिरते ही किसान आसमान की तरफ निहारने लगते हैं। हालांकि कोपागंज क्षेत्र में 40 फीसद  से किसान गेहूं कटाई कर पाए हैं। जबकि 60 फीसद  कटाई को बाकी है। 

सुबह के समय मौसम का रूख बिगड़ता देख खेतों में पकी खड़ी गेहूं की फसल को देख कलेजा मुंह कोआ गया। मौसम के रूख से घबराए किसानों ने शेष कटाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। यही नहीं काम जल्द पूरा हो इसके लिए गेहूं कटाई का ठेका भी दे रहे हैं और मजदूर के अभाव में गेहूं फसल काटने वाली रीपर वाइंडिग मशीन ही कुछ किसानों के लिए फसल काटने का एकमात्र सहारा बनी हुई है। साथ ही किसान थ्रेसिग का कार्य भी साथ-साथ कराते जा रहे हैं। 

किसान हरिनारायण यादव, बोधि यादव, बद्री यादव, संतोष कुमार, तेजनारायण यादव, भोला यादव ने बताया कि पिछले कई वर्षों से गेहूं की कटाई के समय आंधी और बारिश आने की वजह से फसल को काफी नुकसान हुआ था, अभी गेहूं की फसल पक कर तैयार हो गई। अगर इस समय बारिश या तूफान आ गया तो हमारी पकी हुई फसल चौपट हो जाएगी। इन सब के बीच किसान मौसम के बदले रूख व आसमान में छाए बादलों को देख कर काफी सकते में हैं। यदि बादलों ने अपना रूप दिखाया तो उनकी तमाम मेहनत व उम्मीदों को वह धो सकता है।  13 अप्रैल से 21 अप्रैल  तक छिटपुट बूंदा बूंदी की संभावना है। इसके बाद मौसम साफ दिखेगी। पुन: अगले सप्ताह से थोड़ा सा मौसम में बदलाव होगा और बादल छाए रहेंगे।