इतिहास साहित्य में नजर आता है

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


उन लोगों की बुद्धि को नमन!

जो समझते हैं 

कि फिल्मकार इतिहास दिखाता है

जबकि ज्यादातर वो

पैसा कमाने के लिए इतिहास 

तोड़-मरोड़ कर लोगों की भावनाओं को

भुनाता है,


इतिहास जानने की इच्छा हो 

तो पढ़नी पड़ेंगी हमें

तात्कालीन लेखकों की दस-बीस किताबें,

याद रखना चाहिए हमें कि

इतिहास अपने सही स्वरूप में

उस समय के साहित्य से झांकता

नजर आता है,


पुस्तकें पढ़ने का शौक और धैर्य

खत्म हो रहा है आज

इसलिए तो समाज का बड़ा हिस्सा

सोशल मीडिया पर परोसी जा रही

भ्रामक जानकारियों से

बहकता चला जाता है,


यह जो हर हाथ में आ गया है

आजकल मोबाइल किताब की जगह,

समाज में हिंसा, द्वेष, घृणा, अश्लीलता

फैलाने का हथियार बनता जाता है।


                                जितेन्द्र 'कबीर'