शिव साकोई दूजा नहीं

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

शिव शंकर सा भोला कोई नहीं

थोड़े में प्रसन्न हो जाए ऐसा दूजा नहीं।

सबके अंदर बसा सुंदर सा रूप तेरा

तू सत्य स्वरूप चिर सनातन

सृष्टि का आदि अनंत है तू

हर एक के अंदर बसा

शिव कल्याणकारी लगा।

ओढर दानी शिव तू बना

थोड़ी में प्रसन्न होता।

भावों के पुष्प बस चाहता

भक्तों की एक मुस्कुराहट पर रीझता।

सबका कल्याण सदा ही चाहता।

थोड़ी सी तपस्या से खुश होता

दिल के भावों को सदा ही लखता।

दुख ना मिले यहां किसी को

हलाहल सबके हिस्से का पीता।

उद्धार करें सबका तू तो

सृष्टि का आदि अनंत बना

हर प्राणी तेरा स्वरूप

फल फूल पत्तों में वास तेरा

चिर अनादि काल तेरा

हर प्राणी की श्वास में बसा

हर प्राणी की आस में बसा।

ओम नमः शिवाय जो जप ले

उसके बिगड़े काम है बन ले।।

          रचनाकार ✍️

          मधु अरोरा