संसार में जब तक
हत्यारों और लड़ाकों को
वीरता एवं बहादुरी के तमगों से
सुशोभित किया जाता रहेगा,
बदले में तब तक यह संसार
बल के आधार पर
दूसरों को दबा कर रखने वाले
क्रूरता के उपासक पाता रहेगा।
संसार में जब तक
झूठों और बहकाने वालों को
नेता एवं शासकों की पदवी से
सुशोभित किया जाता रहेगा,
बदले में तब तक यह संसार
अभावों से जूझती,
न्याय को तरसती,
बीमारियों से असमय मरती
जनता की बद्दुआएं पाता रहेगा।
संसार में जब तक
अपनी सोच दूसरों पर थोपने वालों को
महान एवं मसीहा की उपाधि से
सुशोभित किया जाता रहेगा,
बदले में तब तक यह संसार
तर्क शक्ति से पूर्णतः रहित
दूसरों के इशारों पर
नाचनेवाले बौद्धिक गुलाम पाता रहेगा।
जितेन्द्र 'कबीर'