जब घूमता है विकास का पहिया
तब राजा ईमानदार देश का होता है
विरोध करने वाले छुप जाते है
जब कर्म की मशाल देश में जल जाता है
जब घूमता है विकास का पहिया
राजा कर्म वीर तब होता है
दुश्मन डरता है जगत कद्र करता है
जब राजा शूरवीर देश का होता है
जब घूमता है विकास का पहिया
तब विपक्ष भी नतमस्तक होता है
झूठे मुद्दे तब गौण हो जाता है
जब गद्दी पर राजा विचारवान होता है
जब घूमता है विकास का पहिया
नगर में अमन चैन कायम होता है
प्रजा खुशहाल जीवन जीता है
जब गद्दी पर धर्मवीर शोभते हैं
जब घूमता है विकास का पहिया
तब सज्जन जग में भी मिलते हैं
दुर्जन की निकल जाती है अर्थी
विपक्ष भी खुशकिस्मत होते हैं
जब घूमता है विकास का पहिया
खेत खलिहान हरा भरा दिखते हैं
चक्रव्रती राजा की छत्रछाया में
दोस्त दुश्मन बन कर पलते हैं
उदय किशोर साह
मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
9546115088