मोदी सरकार की फ्री राशन योजना महज चुनावी लॉलीपाप, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा न देकर किसानों की अनदेखी कर रही भाजपा- प्रमोद तिवारी

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

लालगंज, प्रतापगढ़। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य एवं यूपी आउटरीच एण्ड कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने केन्द्र की मोदी सरकार पर किसान हितो की पूरी तरह लगातार अनदेखी को अफसोसजनक करार दिया है। वहीं सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने छोटे एवं मझले किसानो को इस समय धान क्रय केन्द्रों पर सर्द भरी रात तक में धान की फसल न बिकने पर हो रही कठिनाईयो को भी सरकारी कुप्रबंधन का ज्वलंत उदाहरण कहा है। शनिवार को क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के कैम्प कार्यालय पर मीडिया से रूबरू प्रमोद तिवारी ने खाद तथा बीज की भी सरकारी क्षेत्र मे कालाबाजारी व मिलावटखोरी को भी पूंजीपतियों के लिए मुनाफाखोरी के लिए सरकार पर आंख बंद करने को लेकर तगड़ा तंज कसा। उन्होनें कहा कि सरकार खाद का कृत्रिम संकट उत्पन्न करने वाले जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई से भी सिर्फ चंद पूंजीपतियों की तिजोरी भरे जाने के लिए ही कतरा रही है। उन्होने कहा कि किसान पहले से ही छुटटा जानवरो के चलते फसल की बर्बादी से परेशान है और अब सरकार उसे उपज के लिए कृत्रिम खाद संकट के जरिए अंधकार मे ढकेलने पर अमादा है। प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर यह भी सवाल दागा कि वह क्या उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यो मे चुनाव की बेला देखकर ही निःशुल्क राशन बांटने का ऐलान कर रही है। श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार की फ्री राशन योजना भी महज चुनावी लॉलीपाप के अलावा कुछ भी नही है। उन्होनें दावे के साथ कहा कि कांग्रेस की जिस दिन केन्द्र मे सरकार बनेगी वह निशुल्क राशन योजना को जरूरतमंदो के लिए लगातार संचालित करायेगी। श्री तिवारी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की लगातार मांग के बावजूद मोदी सरकार घोषणा न कर किसानों की फसल बिक्री तथा उपज को लेकर खेती व किसानी के बुनियादी मुददो से मुंह चुरा रही है। उन्होनें कहा कि देश मे लगभग सत्तर फीसदी किसानो के पास एक हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि है। इसके बावजूद सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग को न्यूनतम समर्थन मूल्य के जरिए संवैधानिक दर्जा देने से परहेज कर रही है। उन्होनें कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार की तीन किसान विरोधी काले कानूनों की तरह ही एमएसपी घोषित न करने की स्थिति मे आज देश के 52.5 फीसदी किसान कर्ज के बोझ से कराह रहे हैं। प्रमोद तिवारी ने कहा कि बीज, खाद, कीटनाशक तथा बिजली और पानी की बढ़ती दरों के कारण खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। इसके बावजूद किसान की मांग की अनदेखी कर सरकार किसान को उसकी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारण्टी क्यों नही देना चाहती। श्री तिवारी ने यूपी मे किसानो की चिंता का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश मे भी एमएसपी कानून की गारण्टी के अभाव मे किसानों के पास फसल बेंचने के लिए वह खरीददार की सौदेबाजी का शिकार होने को मजबूर है। सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि कृषि क्षेत्र का विकास इस सरकार की अदूरदर्शिता से अब ठप हो गया है जिसके कारण किसान आर्थिक विषमता का भी दर्द झेल रहा है। प्रमोद तिवारी ने इस बात को भी चिंताजनक करार दिया कि सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग का पैमाना तक चिंताजनक है कि केन्द्र की मोदी सरकार के पूंजीपतियों के हित साधने के चक्कर मे गरीबी का असंतुलन कम नही होने की ओर है। बतौर उदाहरण सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम से जुड़ी रिर्पोट के आधार पर आज स्वास्थ्य और जीवन स्तर के क्षेत्र मे उत्तर प्रदेश मे 37.39 तथा पड़ोसी बिहार मे आधी से अधिक करीब 51.91 मध्य प्रदेश मे 36.65 फीसदी आबादी गरीबी के सूचकांक से राष्ट्रीय विकास के लक्ष्य को चिंता मे डाल चुका है। प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार की अक्षमता के चलते भोजन व शिक्षा तथा स्वास्थ्य के तहत एमपीआई का आकलन हर चौथे राष्ट्रीय परिवार को गरीबी रेखा मे उसकी आय पर संकट खड़ा किये हुए है। सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर चंद पूंजीपतियों का हित साधने के लिए बैंकिग क्षेत्र पर भी अब बेंचीकरण की शुरूआत को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की अस्मिता पर करारा हमला भी करार दिया है। इसके पूर्व प्रमोद तिवारी ने कैम्प कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठनात्मक गतिविधियों की भी समीक्षा की। रामपुर बावली, बेलहा, धधुआ गाजन मे लोगों से मुलाकात कर विधायक मोना द्वारा संचालित कराए जा रहे क्षेत्रीय विकास मे सहयोग मांगा। इस मौके पर मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, आशीष उपाध्याय, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, जिपंस अरविंद सिंह, अशोकधर द्विवेदी, मुन्ना सिंह परिहार, आचार्य राजेश मिश्र, महमूद आलम, संतोष पाण्डेय, नामवर सिंह, झुन्ना तिवारी, पप्पू तिवारी, छोटेलाल सरोज, डा. वीरेन्द्र मिश्र, पवन शुक्ल, आईपी मिश्र, त्रिभु तिवारी, रामू मिश्र, राहुल सिंह, शास्त्री सोैरभ, विनय पाण्डेय, मुरलीधर तिवारी आदि रहे।