युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
सहारनपुर। सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर0पी0 मिश्रा ने कहा कि यातायात नियमों के पालन से हम सडक दुर्घटनाओं को होने से रोक सकते है। ज्यादातर सडक दुघटनायें वाहन चालकों की गलती के कारण होती है। उन्होने कहा कि दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग न करना, चार पहिया वाहन चलाते समय सीट-बेल्ट का प्रयोग न करना, वाहन को ओवरस्पीड करके चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करना, अभिभावकों द्वारा अपने कम उम्र के बच्चों का वाहन चलाने के लिये देना इत्यादि दुर्घटना के प्रमुख कारण है।
आर0पी0 मिश्रा आज तृतीय सडक सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत टैम्पों, टैक्सी, ट्रक, बस, ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियांे एवं विभिन्न वाहन चालकों के साथ सम्भागीय परिवहन कार्यालय मंे आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सडक दुर्घटनाओं की रोकथाम व यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित कराना है। उन्होने सभी से अपील की कि सडक दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करके पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है इसलिए हम सबका यह कर्तव्य होना चाहिए कि सडक दुर्घटना होने के स्थिति में तुरन्त 112 या 108 नम्बर पर सूचना दंे अथवा घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिये स्वास्थ्य केन्द्र अथवा जिला अस्पताल लेकर जाये।
उन्होने कहा कि ऐसा माना जाता है कि एक घण्टे केे अन्दर (गोल्डन ऑवर) किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार मिल जाये तो उसकी जान बचायी जा सकती है। उन्होने यातायात नियमों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सहायक समभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) श्री महेन्द्र बाबू गुप्ता ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये वाहन चालकों को अपने वाहनों की फिटनेस व सभी प्रपत्रों की वैधता तथा वाहन की भौतिक स्थिति के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होने बताया कि यदि वाहन पूर्ण रूप से फिट है, वाहन चालक द्वारा यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है, तो हम सडक दुर्घटनाओं को आसानी से रोक सकते है। कार्यशाला में उपस्थित पदाधिकरायों एवं वाहन चालकों के द्वारा सडक सुरक्षा के सम्बन्ध में शपथ एवं यातायात नियमों के पालन करने का संकल्प लिया गया। कार्यशाला मंे यात्री/मालकर अधिकारी खेमानन्द पाण्डेय, चीफ वार्डन योगेन्द्र दुधेरा तथा बडी संख्या में टैम्पों, टैक्सी, ट्रक, बस, ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारी एवं चालक उपस्थित रहें।