संसद भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था
का सर्वोच्च शिखर है
जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने
कानून बनाने में आवाज मुखर है
ग्रामसभा विधानसभा संसद में निर्वाचित
प्रतिनिधि की एक ही प्राथमिकता प्रखर है
लोगों के कल्याण और राष्ट्रहित काम करना है
यही संकल्प लेकर आना प्रखर है
विचारों को लेकर डिबेट में मतभेद हो सकते हैं
कोई मतभेद इतना बड़ा नहीं हो सकता
जनसेवा के वास्तविक उद्देश्य में बाधा बने
सहयोग समाज संकल्प देश के लिए प्रखर हैं
ग्रामसभा विधानसभा सांसद
लोकतंत्र के मंदिर हैं इस मंदिर में
श्रद्धा की ऊंची भावना से आचरण करें
जैसे ईश्वर अल्लाह के शरण हैं
-लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेखक चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र