क्या है कविता

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

कविता क्या है,क्या है कविता

वर्णों से बने शब्दों का

ताना- बाना मात्र

ही तो है कविता।

अलंकारों से सजी,

छन्द में गुनगुनाये

जाने वाली,रसमयी

काव्य पंक्तियां

ही तो हैं कविता।

कभी तुकांत

कभी अतुकांत

मन भावों  की लड़ियों

को गीत गजलों की

माला में पिरोना

ही तो है कविता।

ओज से भरी

वात्सल्यमयी

प्रेम की अनुभूतियां

कटाक्ष बाण कसती

आईना समाज की

ही तो है कविता।

जाति-बंधन से दूर

मज़हबी बेड़ियाँ तोड़

व्योम की ऊंचाई तक

पाताल की गहराई तक

हृदय के कोमल

भावों की अभिव्यक्ति मात्र

ही तो है कविता।

हंसाती है कभी

कभी रुलाती सी

खुशियों को सजाती

गमों को बांटती

देश प्रेम में सनी

भक्ति में लीन सी

बरखा बूंदों सी

झर -झर गिरती

ही तो है कविता।

इन्द्रधनुष के रंगो सी

जीवन के रंगो को

समेटती है कविता।

बस इतनी सी

ही तो है कविता।


कवयित्री:-गरिमा राकेश गौतम

पता:-कोटा राजस्थान