मार दो अब

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

मेरे अहंकार और मुझको मारा श्री राम ने

धरा पर स्वर्ग लाने  ही दिया नहीं श्री राम ने

बन जातीं सीढ़ियाँ सोने की धरा से स्वर्ग तक

मुश्किल हो जाता दशानन रावण का फिर तो अंत

बार बार तुम रावण जलाते ही रहोगे धरा पर

अगर नहीं पहचाना कितने चेहरे चेहरे पर

रावण अगर तुम्हें नहीं चाहिए अब इस धरा पर

मार दो अब वह रावण जो बैठा तुम्हारे अंदर।।

पूनम पाठक बदायूँ

उत्तर प्रदेश