काव्या की जिंदगी में आई मुस्कान, कटे होंठ वकटे तालू का हुआ निःशुल्क सफल आप्रेशन

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

मऊ : जन्म लेने के बाद किसी बच्चे का प्रारम्भिक उसके समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यही कारण है कि शिशु मृत्यु दर एवं बाल मृत्यु दर को कम करने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके मद्देनजर ही राज्य के प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य सुरक्षा व उसके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देष्य से ‘‘राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम” (आरबीएसके) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित है, जिसके द्धारा बच्चों में चिन्हित 38 प्रकार की बीमारियों की समय पर पहचान कर उपयुक्त उपचार प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्यतः बाल विकास के 4 विकारतथा जन्मजात दोष, बालरोग, डिफिसियेंसी, एडलोसेंट स्वास्थ्य को समय पर पहचानना एवं समय पर उपचार उपलब्ध कराना है। सरकार के इन्ही प्रयासों ने प्रदीप और उनकी पत्नी किरण की जिंदगी में खुशियाँ भर दी हैं।

यह सफल कहानी जिले के मुह्म्दाबाद गोहना ब्लॉक से ग्राम गालिबपुर के निवासी पेंटिग और लिखने का कार्य से अपने परिवार का जीविका चलाने वाले प्रदीप और पत्नी किरण की है। गर्भवती किरण को 1.6वर्ष पहले घर पर जब प्रसव की पीड़ा हुई तो उन्होंने तुरंत सरकारी एम्बुलेंस की सहायता ली और उसे ले कर सीएचसी के लिये निकले लेकिन रास्ते में ही प्रसव में पुत्री हुई। तब उन्होंने रास्ते से ही एम्बुलेस को घर के लिये वापस करा लिया। घर में संतान होने की खुशी तो थी ही पर वह खुशी उस समय मायूसी में बदल गई, जब प्रदीप के घर की महिलओं ने बताया कि जो उसे बेटी की प्राप्ति हुई है उसके होंठ कटे हैं। वह देखने में कुरूप लग रही है। उन्हें यह सुन कर कष्ट हुआ और चिंता भी, प्रदीप सोच में पड़ गए कि बेटी हुई है वह भी शारीरिक विकार से ग्रषित है। इस गरीबी से भरीजिंदगी में उन्हें पहले बेटे 08 वर्ष पियूष के पालन पोषण पढ़ाई लिखाई के साथ नवजात बेटी के भविष्य और शादी व्याह की चिंता सताने लगी, फिर भी इतना कुछ होते हुए भी उन्होंने अपने नवजात पुत्री का नाम काव्या रखा और उसका लालन-पालन करने लगे और अपने परिवारिक जिंदगी में व्यस्त हो गए। 

लाभार्थी काव्या के पिता प्रदीप ने बताया कि उन्हें आंगनवाड़ी एवम आशा के माध्यम से पता चला कि सरकार ऐसे बच्चों का निःशुल्क आप्रेशन द्वारा विकृति से मुक्त कर देती है। इसकी जानकारी मिलने पर वह मुहम्दाबाद गोहना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गया और अपनी बेटी काव्या को दिखाया, वहां पर उन्हें आरबीएसके के डॉ अजहर और डॉ सीमा द्वारा बताया गया कि काव्या का एक छोटा सा आप्रेशन होगा और काव्या के चेहरे का यह विकार दूर हो जायेगा। जिस बच्चे को संदर्भित कर स्माइल ट्रेन संस्था से संबद्ध शबरुद्दीन मेमोरियल अस्पताल, आजमगढ़ में जोकि राज्य स्तर से आर बी एस के कार्यक्रम हेतु एनपैनल है जहां 08अक्तूबर 2021 को भर्तीकराया 09 अक्टूबर को आप्रेशन सफल हुआ और चार दिन भर्ती रखने के बाद छुट्टी मिली। विजयदशमी पर्व से पहले ही उनके  घर में उत्सव का माहौल हो गया। वह और उनका परिवार सरकार की इस व्यवस्था पूरी तरह से संतुष्ट है।        

मुख्य चिकित्साअधिकारी डॉ श्याम नरायन दुबे ने बताया कि जन्मजात कटे होठ के बच्चे का ऑपरेशन नियमानुसार चार माह पूर्ण करने के उपरांत एवम् कटे तालू के बच्चे का ऑपरेशन बच्चे के 09 माह पूर्ण होने के उपरांत ऑपरेशन किया जाता है, इसका पूरा खर्च सरकार उठाती करती है। इस सर्जरी के लिये बच्चे में खून में हिमोग्लोबिन की मात्रा कम से कम 10 ग्राम होना अनिवार्य है, साथ ही वजन उम्र के अनुपात में कम नहीं होना चाहिए।

उप चिकित्सा अधिकारी नोडल डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि कटे होठ एवं कटे तालू के इलाज हेतु केंद्र सरकार द्वारा संचालित आरबीएसके कार्यक्रम स्माइल ट्रेन संस्था के माध्यम से पंजीकृत अस्पतालों में निःशुल्क इलाज हेतु संबद्ध है। जिसके क्रम में स्माइल ट्रेन संस्था की शाखा शद्रुद्दीन मेमोरियल अस्पताल, आजमगढ़ में बच्ची काव्या का निःशुल्क सफल इलाज हुआ है।

डीईआईसी मैनेजर अरविंद वर्मा ने बताया कि अभी तक जिले में आरबीएसके टीम द्वारा 52 से ज्यादा बच्चों का कटे होठ एवम कटे तालू का सरकार के खर्चे पर इलाज संदर्भित कर कराया जा चुका है। उन्होंने कहा किसी परिवार में ऐसे बच्चे हों तो उनके परिजन इस इलाज हेतु अपने गांव के आशा या आगनबाड़ी कार्यकता के सहयोग से अथवा सीधे अपने संबंधित ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरबीएसके टीम से संपर्क करें, मुख्यालय तक सरकारी एम्बुलेस लाने वापस लेजाने सभी प्रकार के संबधित जाँच उपचार का निःशुल्क लाभ प्राप्त कर सकते हैं।