जीएसटी की समस्याओं पर आईआईए की बैठक में विचार विमर्श

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

सहारनपुर। इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सहारनपुर चौप्टर के प्रताप मार्किट स्थित कार्यालय पर चौप्टर कमेटी के सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई। चेप्टर चेयरमैन प्रमोद सडाना ने कहा कि आईआईए उद्यमियों को जीएसटी से आ रहीं समस्याओं को राज्य व केन्द्र सरकार तक पहुंचाएगी। कहा कि फेक इनवायस से सरकार को हानि हो रही है जिसका खामियाजा वास्तविक व ईमानदार उद्यमियों को भुगतना पड़ रहा है। वास्तविक व ईमानदार उद्यमी आईटीसी का लाभ लेने हेतु असमंजस की स्थिति में है। उन्होंनें हैण्डीक्राफ्ट उद्यमियों की परेशानियों को रखते हुए कहा कि लकड़ी से बनी वस्तु निर्माण में कच्ची सामग्री के रूप में लकड़ी को विभिन्न स्तरों से गुजरना पड़ता है जिसमें अर्द्ध बने माल की ढुलाई करनी होती है इस दौरान मालवाहन पकड़े जाने से उद्यमी पीड़ित होता है। 

ऐसे में उद्यमी जीएसटी विभाग द्वारा लगाए टैक्स के अनावश्यक आर्थिक भार से कैसे बचें। उन्होंने कहा कि निर्यातकों को रिफंड क्लेम 90 प्रतिशत तक होता था जबकि 10 प्रतिशत रोक लिया जाता था जो कि बीआरसी पूर्ण करने के बाद वापिस दिया जाता था परन्तु वर्तमान में उपरोक्त बीआरसी पूर्ण होने पर ही रिफंड दिया जाता है। जो कि अब भी 90 प्रतिशत तक ही दिया जा रहा है और 10 प्रतिशत रोका जा रहा है। इसके अलावा जीएसटी से संबंधित सदस्यों की अन्य समस्याओं से भी जीएसटी विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया। उन्होंने आईआईए द्वारा जीएसटी विसंगतियों से उद्यमियों को आ रही परेशानियों के निवारण को जीएसटी विभाग के सहयोग से जीएसटी विशेषज्ञों की देखरेख में प्रत्येक माह एक कैम्प आयोजित करने के लिए कहा।

जीएसटी विभाग सचल दल के डिप्टी कमिश्नर मनोज कुमार विश्वकर्मा एवं ब्रिजेश कुमार ने कहा कि आईआईए द्वारा उद्यमियों और विभाग के समन्वय के लिए आज जो बैठक आयोजित की है। उसके लिए मैं चौप्टर चेयरमैन व उनकी टीम का आभार जताता हूँ। विभाग के अधिकारियों एवं उद्यमियों को प्रत्यक्ष रूप से उद्यमों में आने वाली समस्याओं के समाधान को नियमों व जानकारी के माध्यम से काफी हद तक सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के विकास से ही देश का विकास सम्भव है जो कि अत्यंत महत्वपूर्णहै। सहारनपुर की पहचान हैण्डीक्राफ्ट उद्योग से है जो कि विश्वस्तरीय है। निर्यात से विदेशी पूंजी आती है जिससे देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। उद्यमियों के लिए रजिस्ट्रेशन सुलभ है। उन्होंने ईवे बिल के संबंध में पहचान वाले सप्लायर से ही करने का सुझाव दिया क्योंकि ईवे बिल के दौरान एजेन्ट की भूमिका संदिग्ध होती है। उद्यमियों, व्यापारियों को एजेंटों द्वारा भ्रमित कर झूठा आश्वासन दिया जाता है और उद्यमी, व्यापारी उनके द्वारा दिए प्रलोभन में फंस जाता है और उत्पीड़न को बाध्य होता है। ऐसे में संदिग्धों से बचें। सेन्ट्रल टैक्स इनवायस में जागरूकता व सतर्कता बरती जाने को आवश्यक बताया। आरटीसी के बारे में भी उन्होंने विस्तार से उद्यमियों के हित की जानकारी साझा की, जिससे कि उद्यमियों को अनावश्यक आर्थिक भार वहन करने से बचा जा सके। उद्यमियों को इनवायस टैक्स का लाभ दिलवाने के लिए विभाग प्रयासरत है।

राजकीय आईटीआई के प्रधानाचार्य श्री वीपी सिंह ने कहा कि सहारनपुर में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग लखनऊ द्वारा समस्त जनपदों में 4 अक्तूबर को होने वाले ष्अप्रेन्टिसशिप मेलेष् में उद्यमी बढ़चढ़ कर हिस्सा लें जिससे कि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक रोजगार सृजन किया जा सकें। उद्यमियों की भागीदारी और सहयोग से ही माननीय मुख्यमंत्री जी की शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है।

बैठक में मण्डलीय अध्यक्ष अशोक बजाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरजीत सिंह, राजेश सपरा, कोषाध्यक्ष सुनील सैनी, परविन्द्र सिंह, ओसाफ श्गुड्डू, दिनेश सिंघल, पंकज गुप्ता, विनय दहुजा, चिराग सुनेजा, राही मक्कड़, परमजीत सिंह, मयंक अग्रवाल, साबिर अली खान, एम०एस० जामा, ऋषभ अग्रवाल, गुलबशेर, आशीष मिगलानी, सुरेन्द्र मोहन कालड़ा, नबी खन्ना, नौशाद अली, पंकज गोयल, अमित अरोड़ा, रणजीत सिंह, कुशल शर्मा, अविनाश अरोड़ा, वाई०एस० रावत, अविनाश यादव आदि सदस्य उपस्थित रहे।