एतिहासिक है गीज़ा का महान पिरामिड, एक बार जरूर जाएँ घूमने

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

मिस्र की राजधानी काहिरा में स्थित गीजा का महान पिरामिड एक बेहद ही प्राचीन और एतिहासिक स्मारक है, जो दुनिया के सात अजूबों में से एक है। प्रसिद्ध नील नदी के किनारे पर बना हुआ यह पिरामिड बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता है। इस पिरामिड को 'खुफु का पिरामिड' और 'ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा' के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि मिस्र के महान राजा खुफु की मौत के बाद उनके शव को इसी पिरामिड में दफनाया गया था और सिर्फ वही नहीं बल्कि उनके बाद हुए अन्य राजाओं के शवों को भी उनके आभूषण और अन्य चीजों के साथ इसी पिरामिड में दफनाया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि करीब 14 एकड़ में फैला यह विशाल पिरामिड आज भी उसी स्थिति में है, जैसा इसे बनाया गया था। सदियों से यह पिरामिड अपनी खूबसूरती से दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। तो आपको भी जीवन में एक बार यहां घूमने जरूर जाना चाहिए। आइए जानते हैं इस पिरामिड के बारे में कुछ खास बातें... 

कहा जाता है कि गीजा के महान पिरामिड का निर्माण 2560 ईसा पूर्व यानी लगभग 4580 साल पहले किया गया था। माना जाता है कि इसे बनाने में 23 साल का लंबा वक्त लगा था और इसे बनाने के लिए एक लाख मजदूरों ने काम किया था। 

यह ग्रेट पिरामिड विशेष प्रकार के चूना पत्थरों से बना हुआ है और इसका वजन करीब 5.5 अरब किलो माना जाता है। इस पिरामिड की उंचाई 450 फीट है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एतिहासिक पिरामिड वर्ष 1311 तक दुनिया की सबसे ऊंची इमारत के रूप में मशहूर रहा है। 

कहा जाता है कि गीजा का पिरामिड अंदर से किसी भूलभुलैया की तरह है और यह अंदर से इतना बड़ा है कि अगर कोई व्यक्ति पहली बार इसके अंदर जाता है या इसके बारे में नहीं जानता है, तो वह फंस सकता है। उसे समझ में नहीं आएगा कि बाहर कैसे निकलें। 

गीजा के पिरामिड परिसर के आसपास में घूमने लायक और भी कई प्रमुख पर्यटन और आकर्षण स्थल हैं। इसमें सोलर बोट म्यूजियम, पिरामिड ऑफ खाफरे या चीफ्रेन का पिरामिड, पिरामिड ऑफ मेनकौरे आदि शामिल हैं। ये सभी जगहें भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।