किसी भी खेल में जीत या हार ही होती है। इसे कम से कम खिलाड़ी स्पोर्ट्समैन स्पिरिट से लेते हैं। लेना भी चाहिए पर हर नियम के अपवाद भी होते हैं। इस नियम का अपवाद तब कोई भी देख सकता है, जब भारत व पाकिस्तान के खिलाड़ी किसी खेल में आमने सामने हों। कल यानी रविवार को जब विश्वकप के पहले मैच के मौ$के पर भारत व पाकिस्तान की टीमें जूझ रहीं थीं। तब भारतीय टीम की पराजय के बाद दोनों देशों के नागरिकों की प्रतिक्रियाएं, सोशल मीडिया पर पढ़ी जा रही थीं, जो यह बताती हैं कि हार-जीत का रिश्ता केवल स्पोर्ट्समैन स्पिरिट तक ही नहीं होता है। तभी तो इसे शर्मनाक पराजय कहा जा रहा है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के केवल तीन खिलाड़ी ही भारत पर भारी पड़े। मैच तीन बनाम ग्यारह था। फिर भी भारत हार गया। इस पराजय का हर विश्लेषक व खेल प्रेमी अपनी अपनी समझ से विश्लेषण कर रहा है। पर इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि हमारे खिलाड़ी देश के लिए नहीं, अब अपने लिए खेलने लगे हैं। पैसों के लिए खेलने लगे हैं। उन्हें जब आईपीएल जैसे मैचों में हारने के पैसे मिल जाते हों फिर पैसों के लिए खेलने के अलावा चारा क्या रहता है। हमारे खिलाड़ियों की आईपीएल में जो बोली लगी, वह जानना बेहद जरूरी हो जाता है। रोहित शर्मा- 15 करोड़, हार्दिक पंड्या- 11 करोड़, जसप्रीत बुमरा- 7 करोड़, इशान किशन- 6.2 करोड़, सूर्या कुमार यादव- 3.2 करोड़, राहुल चाहर - 1.9 करोड़, रविन्द्र जडेजा- 7 करोड़, शार्दुल ठाकुर - 2.6 करोड़, विराट कोहली- 17 करोड़, वरुण चक्रवर्ती - 4 करोड़, ऋषभ पन्त- 8 करोड़, रामचंद्र आश्विन - 7.6 करोड़, भुवनेश्वर कुमार - 8.5 करोड़ , केएल राहुल-11 करोड़, मोहम्मद समी की- 4.8 करोड़ रुपये की बोली लगी थी। इसी के साथ अब अपने क्रिकेट के सितारों की माली हालत भी जानना जरूरी है। इसके लिए इनके कारोबार व जिन ब्रांडों के ये एंबेसडर हैं, उनके बारे में भी जानना जरूरी हो जाता है। विराट कोहली इंडियन क्लब लीग, गोवा के को-ओनर, खुद के व्रोग्न ब्रांड के कपड़े, चिजेल फिटनेस नामक फिटनेस सेंटर चेन, सपोर्ट कोन्वो नामक सोशल नेटवर्किंग स्टार्टअप से जुड़े हैं। विराट कोहली-प्यूमा जूते, व्रोग्न कपड़े, मुवे अकाऊस्टिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स, टूयौम स्नैक्स फूड, टिसॉट घड़ी, मान्यवर ड्रेस, रॉयल चौलेंज शराब, अमेरिकन टूरिस्टर लगेज, बूस्ट एनर्जी ड्रिंक, एमआरएफ टायर, उबर इंडिया, रेमिट टू इंडिया एप, फिलिप्स इंडिया के ब्रांड एंबेसडर हैं। रविन्द्र जडेजा के पास जद्दू फूड फील्ड रेस्तरां राजकोट है। तो ऋषभ पन्त-नॉइज, जेएसडब्लूस्टील, हिमालय ड्रग्स, बूस्ट, कैडबरी, बोट, रियल मी के पोस्टर ब्वाय हैं। हार्दिक पंड्या - ओप्पो, जिलेट, गल्फ आयल, बोट, ड्रीम इलेवन के तथा रोहित शर्मा-एडिडास, अरिस्टोक्रेट, ड्रीम इलेवन का विज्ञापन करते नजर आते हैं। जसप्रीत बुमरा- असिच्स, सीग्राम रॉयल स्टैग, जैगल, बोट, ड्रीम इलेवन तो रविन्द्र जडेजा- असिच्स, केएलराहुल- सीग्राम रौयल स्टैग, भुवनेश्वर कुमार-असिच्स, ऋषभ पन्त- बोट, ड्रीम इलेवन के लिए काम करते नजर आते हैं। बावजूद इसके इस इतिहास से आंख नहीं चुराई जा सकती है कि 1992 में पचास ओवर के विश्वकप में पहली बार भारत व पाकिस्तान आमने सामने आये थे। तब से पचास ओवर वाले हों या बीस ओवर वाले विश्वकप मैच पाकिस्तान की टीम हमेशा भारत से हारती आ रही है। पर यह भी कड़वी सच्चाई है कि कभी भारत ने ऐसी विजय दर्ज नहीं कराई। जैसी रविवार को पाकिस्तान ने दुबई के स्टेडियम पर दर्ज कराई।
पूरा मैच एकतरफा रहा। पाकिस्तान हर मोर्चे पर भारत पर बढ़त बनाये दिखता रहा। भारतीय टीम बल्लेबाजी व बैटिंग कहीं जौहर नहीं दिखा सकी। भारतीय टीम की हार के प्रमुख कारणों में टीम चयन में विराट कोहली की मनमानी। सूर्या कुमार यादव, हार्दिक पंड्या और भुवनेश्वर कुमार को खिलाना। जबकि इशान किशन, शार्दुल ठाकुर और आश्विन को बाहर बैठाना। रोहित शर्मा और केएल राहुल की खराब ओपनिंग। पावर प्ले में ऋषभ पन्त और रविन्द्र जडेजा के खराब शॉट्स भी शामिल हैं। बुमरा, शमी और भुवनेश्वर कुमार की गेंदबाजी बहुत ही औसत और सपाट रही। पूरी टीम में उत्साह की कमी और थकान जो शायद आईपीएल की वजह से है। इसी के साथ यह भी कहा जा सकता है कि विराट कोहली के टॉस गंवाने के साथ ही भारत की हार भी तय हो गई थी। अगर पिछले 8 मैच का रिकॉर्ड देखें तो साल 2018 के बाद टी-20 में भारत ने उन सभी मैचों को गंवाया है, जहां उसने पहले बल्लेबाजी करते हुए 160 से कम रन बनाए हैं। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय ओपनिंग फेल रही। भारतीय टीम ने कुल 46 डॉट बॉल खेलीं, जिसकी वजह से प्रेशर बढ़ता गया। सिर्फ कप्तान विराट कोहली और ऋ षभ पंत के अलावा कोई भी बड़ा स्कोर नहीं बना पाया। सूर्यकुमार यादव, रविंद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या बड़ा स्कोर नहीं बना पाए।
पाकिस्तान टीम की जीत में यूएई में 5 साल से खेलने का अनुभव, पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वहां की पिचों की अच्छी पहचान होना, कई खिलाड़ियों का कॅरियर दांव पर होना, बाबर आजम और रिजवान का जबर्दस्त फॉर्म, शाहीन अफरीदी की गेंदबाजी और ओवरआल फील्डिंग शामिल रहे। इसी के साथ ओपनर बैट्समैन की उम्दा बल्लेबाजी, मैन ऑफ द मैच शाहीन शाह की शुरुआती झटके देकर मैच पर बनाई गई पकड़, ओस के प्रभाव के बाद गेंद बल्ले पर अच्छी तरह से आ रही थी, जिससे पाक बैट्समैन को खेलने में आसानी हुई। डेथ ओवरों में पाक गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को खुलकर नहीं खेलने दिया। परिणाम के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान को गले लगा रहे थे। तो हमारे दिमाग में यह बात कौंधी कि दोनों देशों के राजनेताओं में रिश्ते हैं, खिलाड़ियों में रिश्ते हैं। अवाम में रिश्ते बनाने की चाहत है पर दुश्मनी क्या सिर्फ हमारे सैनिकों के बीच हैं। इनके बीच ही होनी चाहिए। यह सवाल इसलिए उठता है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन रमीज राजा ने कहा कि पाकिस्तान का क्रिकेट बोर्ड पचास प्रतिशत आईसीसी की फंडिंग से चलता है। वहीं, आईसीसी को 90 प्रतिशत फंडिंग भारत से आती है। मुझे डर है कि अगर भारत आईसीसी को फंडिंग करना बंद कर देता है तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पूरी तरह से खत्म हो सकता है। साफ है कि पाकिस्तान का क्रिकेट भारत से चल रहा है। पाकिस्तान के साथ रोटी बेटी का रिश्ता है।