दुनिया में निवेशकों का
राज़ है
हर राष्ट्र की यह
आवाज़ है
निवेश करो हमारे देश में तुम्हारा ही
राज़ है
देशवासियों को तुम पर
नाज़ है
आर्थिक संपन्नता होगी हमारी इसमें भी
राज़ है
सत्ता कायम रहेगी हमारी इसलिए भी बुलंद
आवाज़ है
नागरिकों की भी हालत सुधरेगी उनको हम पर
नाज़ है
हर राष्ट्र की बार-बार यही
आवाज़ है
निवेश करो हमारे राष्ट्र में तुम्हारा ही
राज़ है
लेखक- कर विशेषज्ञ, पत्रकार, साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक, कवि एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र