दुनिया के सात अजूबों में है शामिल, "माचू पिच्चू"

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

दुनिया में एक से बढ़कर एक घूमने वाली एतिहासिक जगहें हैं, जो बेहद ही खूबसूरत हैं। ऐसी ही एक जगह का नाम है माचू पिच्चू, जिसे 'इंकाओं का खोया हुआ शहर' के नाम से भी जाना जाता है। यह दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित इंका सभ्यता से जुड़ा हुआ एक एतिहासिक स्थल है, जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। समुद्र तल से 2,430 मीटर की ऊंचाई पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित माचू पिच्चू को साल 2007 में दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया था। यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में भी शामिल किया गया है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, जहां दुनियाभर से लोग घूमने के लिए आते हैं। माचू पिच्चू के रहस्य की अगर बात करें तो इसका निर्माण क्यों और किसके द्वारा करवाया गया था, यह अब तक अज्ञात ही है। आइए जानते हैं इस जगह के बारे में कुछ और खास बातें... 

माचू पिच्चू की संरचना इतनी अद्भुत है कि कुछ लोग मानते हैं कि यह इंसानों द्वारा बनाया हुआ नहीं हो सकता। हालांकि पेरू के लोगों का कहना है कि उनके पूर्वज बेहतरीन कला जानते थे और उन्होंने ही इस जगह का निर्माण किया है। 

माचू पिच्चू की खोज वर्ष 1911 में हुई थी, लेकिन इसका संबंध 13वीं सदी से बताया जाता है। माना जाता है कि इस जगह का इस्तेमाल इंसानों की बलि देने के लिए किया जाता था और उनके शवों को सही से दफनाया नहीं गया है। यहां कई कंकाल मिल चुके हैं, जिन्हें दफनाया नहीं गया था। 

माचू पिच्चू में अब तक हजारों कंकाल मिल चुके हैं और सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से अधिकतर कंकाल महिलाओं के हैं। इस वजह से ऐसा माना जाता है कि यहां के लोग सूर्य देव को अपना भगवान मानते थे और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कुंवारी स्त्रियों की बलि देते थे। हालांकि यह बात साबित नहीं हो पाई है। 

माचू पिच्चू की यात्रा आपके लिए बेहद यादगार साबित हो सकती है। यहां की यात्रा करना पर्यटकों को एक खास अनुभव देता है। यहां आप बस, ट्रेन या हेलीकॉप्टर की मदद जा सकते हैं। यह आपको बहुत ही अलग मजा देगा। कई सालों से यह दुनिया का एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण बना हुआ है।