न कोई झंडा न कोई दल।
तूफानी सम्पर्क से बढ़ रहा जनबल।
लोगों से मिलने का फिर वही अंदाज।
इसी को कहते हैं चुनावी आगाज।
दिन को चैन है न रात का ठिकाना।
अच्छी तरह आता है रूठों को मनाना।
मंदिर हो मस्जिद हो या मस्तान शाह।
हर जगह सजदा करता है बादशाह।
पाटनपुर, रोहारी, पिपरौंदा ,कौहारी ।
पलरा, इंगोहटा, भुगैचा और तगारी।
बढ़ती जा रही है पूर्व मंत्री की सवारी ।
मामला पूर्व कबीना मंत्री बादशाह सिंह के जनसंपर्क का।
( शैलेन्द्र पाण्डेय पत्रकार)