सच्चाई से पलायन

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


बदल देता हूं जल्दी से

न्यूज चैनल या

'Scroll' कर देता हूं

मोबाइल स्क्रीन,

जब भी किसी

'पाशविक कृत्य' की

न्यूज देखता हूं,


भरमा लेता हूं खुद को

यह सोचकर कि

मेरे साथ ऐसा नहीं

होगा,

देखकर थोड़ी देर कोई

फिल्म या टीवी सीरियल

अपने डर को टाल 

देता हूं,


सच्चाई से पलायन 

का यह तरीका

अपनाते हैं बहुत सारे लोग

मेरी तरह,


ऐसी मानसिकता ही जड़

में है अपराधियों के हौंसले

बढ़ते जाने की और

एक समाज के रूप में

हमारे पतन की भी,

जब तक हम हर अपराधी

के खिलाफ बंटे रहेंगे

जाति, धर्म और पार्टी के

आधार पर,

हमारे जैसा कोई या हममें

से कोई एक,

बनता रहेगा ऐसे राक्षसों

का शिकार।


              जितेन्द्र 'कबीर'