रामधारी सिंह दिनकर जी

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

जन्मे थे 23 सितंबर उन्नीस सौ आठ में,

बिहार बेगूसराय सिमरिया के गांव में।

रामधारी सिंह दिनकर था जिनका नाम,

शिक्षा हुई पटना विश्वविद्यालय में,

पढ़ाने लगे बाद में स्वयं।

1934 से 1947 तक की बिहार सरकार की सेवा,

प्रचार विभाग उप निदेशक पद पर रहे कार्यरत।

1950 से 1952 तक हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष,

 उपकुलपति के पद पर रहे कार्यरत।

 सम्मानित हुए कई उपाधियों से,

  भारत सरकार के सलाहकार बने।

'पद्म विभूषण' 'साहित्य अकादमी'

'उर्वशी' के लिए हुए सम्मानित

 मिला 'भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार'

 सर्वश्रेष्ठ कवियों में हुई उनकी गिनती।

' कुरुक्षेत्र' को मिला पिचहतर वा  स्थान

 वीर रस के कवि थे महान ।

 ' उमरा, 'हूंकार' ,'रसवंती', और 'द्वंद् गीत 'रचे

' रश्मिरथी, 'कुरुक्षेत्र 'जैसे साहित्य की करी रचना

 हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने कहा '

 'अहिंदी के बीच हिंदी के

 सबसे लोकप्रिय कवि 'रहे दिनकर महान।

  गागर में सागर भर दे

  मातृभाषा से प्रेम करने वाले,

  गद्य -पद्य दोनों के लिए मिले पुरस्कार।

  24 अप्रैल 1974 को हो गया,

  यह हिंदी जगत का सूर्य अस्त।

  दे गया हिंदी जगत को भारी क्षति,

  उनका योगदान कैसे भूल सकता है जहान।

  ऐसे थे हमारे कवि दिनकर महान,

  मेरा  उन्हें शत-शत प्रणाम ।।

                 रचनाकार ✍️

                 मधु अरोरा