योग हमारे शरीर को निरोग रखता है ये बात तो सभी मान चुके हैं। आज के समय में तेजी के साथ लोग योग को अपनी दिनचर्या में शामिल भी कर रहे हैं। योग हमारे शरीर को अंदरुनी रुप से मजबूत बनाता है इसी के साथ ये हमें मानसिक तौर पर भी मजबूत करता है। प्रतिदिन योग करके आप खुद को स्वस्थ और जवां बनाए रख सकते हैं। काम के बढ़ते तनाव प्रदूषण आदि की वजह से समय से पहले ही व्यक्ति उम्र दराज लगने लगता है। यदि आप प्रतिदिन अपने जीवन में योग को अपनाते हैं तो अपने आप को चुस्त-दुरुस्त और फुर्तीला बनाए रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ योगासन जो आपकी बढ़ती उम्र बनाए रखेंगे फिट और आप खुद को युवा महसूस करेंगे और उम्र आपके लिए सिर्फ एक नंबर बनकर रह जाएगी।
वृक्षासन-
ये आसन फायदेमंद होने के साथ ही सरल भी है। इसमें शरीर को एक पैर पर वृक्ष की तरह संतुलित करना होता है। इस आसन को करने से शरीर में संतुलन साधने की क्षमता आती है। आपके पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसे ध्यान मुद्रा भी कहा जाता है। इस मुद्रा में ध्यान लगाने की वजह से आपको तनाव में भी राहत मिलती है।वृक्षासन की विधि-
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक शांत जगह का चुनाव करें।
इसके बाद सूर्य की दिशा में मुख करके सावधान की अवस्था में खड़े हो जाएं।
अब दोनों हाथों को हवा में ऊपर की ओर लेकर जाएं और नमस्कार की मुद्रा बना लें।
अपने बाएं पैर के पंजे को दाएं पैर की जांघ पर लगाकर वृक्ष की तरह खड़े हो जाएं।
अपनी क्षमता अनुसार कुछ देर तक संतुलन बनाकर रखें।
अब वापस सावधान की मुद्रा में आ जाएं।
ताड़ासन-
इस आसन को करने से आपका मस्तिष्क एकाग्र होता है। इस आसन को करने से आपकी भुजाओ, घुटनों और टखनों को मजबूती मिलती है और यह आपकी श्वास को संतुलित करने में भी मददगार है। इस आसन को करने से आपके पाचनतंत्र में भी सुधार होता है। आपके शरीर में रक्तसंचार को बेहतर करता है जोकि आपको जवां बनाए रखने में सहायक है। बच्चों के लिए भी यह आसन अच्छा माना गया है। यह बच्चों की लंबाई बढ़ाने में कारगर है।
ताड़ासन की विधि-
इस आसन को करने के लिए खड़े हो जाए और अपनी गर्दन व पीठ को सीधा रखें।
अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और धीरे से सांस खींचे।
कुछ देर तक इसी अवस्था में रहने के बाद सांस को छोड़ते हुए पहली अवस्था में वापस आ जाएं।
विपरीत करनी आसन-
इस आसन को करने से आपका रक्त संचार बेहतर होता है और आपके पैरों को राहत मिलती है। इस आसन को करने से आपके चेहरे पर चमक आती है। आपके कानों और आंखों के लिए भी ये आसन फायदेमंद माना जाता है। ये आपके तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं में भी राहत दिलाता है।
विपरीत करनी आसन विधि-
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी दीवार की तरफ पैर करके लेट जाएं।
अब अपने पैरों को ऊपर उठाकर दीवार से लगाएं और कूल्हों को दीवार से सटा लें।
अब धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठातें जाएं जिससे आपकी कमर का हिस्सा भी ऊपर की ओर उठने लगे।
अपने दोनों हाथों को सहारे के लिए कमर पर लगा लें।
इस दौरान धीरे-धीरे आराम से सांस को खींचते और छोड़ते रहें।
नटराजनासन-
यह आसन भगवान नटराज की मुद्राएं हैं। नटराज शब्द संस्कृत से बना है। नट यानि नाचना, राज यानी राजा और आसन अर्थात् मुद्रा। इस आसन को करने से पहले भली प्रकार से अभ्यास होना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि इसमें शरीर का संतुलन बनाना होता है। इससे आपके बॉडी पॉश्चर में सुधार आता है और आपका वजन भी नियंत्रित करने में ये योगासन मददगार है। इस आसन का को करने से मानसिक शांति मिलती है। इसलिए यह आपके तनाव को दूर करने में कारगर है। इसी के साथ यह आपके रक्त संचार को बेहतर बनाने और शरीर को संतुलित करने में सहायक है।
नटराजनासन की विधि-
सबसे पहले एक समतल जगह पर मैट बिछाएं और सीधे खड़े हो जाएं और अपनी आखों को एक बिंदु पर केंद्रित करें।
अब अपने दाएं पैर को ऊपर उठाएं और घुटने से मोड़ते हुए पीठ की ओर लेकर जाएं।
अब दोनों हाथों को आगे लाएं और अपने दाएं हाथ को पीछे ले जाकर दाएं पैर के टखने को पकड़ लें।
अब शरीर का संतुलन बनाते हुए जितना हो सके दाएं पैर को अपने हाथ से ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें।
हालांकि इस दौरान ध्यान रखें कि दांया कूल्हा नहीं मुड़ना चाहिए।
अपने बाएं हाथ की तर्जनी उंगली और उंगूठे को मिलाकर ज्ञान मुद्रा बनाएं और हाथ को आगे की ओर रखें।
बाएं पैर से शरीर का संतुलन बनाते हुए इसी मुद्रा में कुछ समय रहें।
उनमामी मुद्रा आसन-
इससे शरीर और मन दोनों शांत होते हैं। इस अवस्था में शरीर को युवावस्था की तरह चेतना प्राप्त होती है। इस आसन को करने से आपको गहराई के साथ ध्यान लगाने में मदद मिलती है। ये आसन आपके गुस्से को काबू करने में भी सहायक है।
उनमामी मुद्रा करने की विधि-
सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
अपना पूरा ध्यान दोनों भौहों के बीच में केंद्रित करें।
अपने मन से सभी तरह के विचारों को त्याग दें और केवल इस बिंदु पर ध्यान पर केंद्रित करने का प्रयास करें।