जखनियां/गाज़ीपुर। गुरु पूर्णिमा' हिंदू धार्मिक तथा प्रसिद्ध त्यौहार है। जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष आषाढ़ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महान ऋषि व्यास की पवित्र स्मृति में मनाया जाता है। गुरु का मिला आशीर्वाद भक्तों को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाने में सहायक होता है। जिन्होंने चार वेद और 18 पुराण, महाभारत एवं श्रीमद् भगवत कथा की रचना की।इस दिन को 'व्यास पूर्णिमा' भी कहा जाता है। जो गुरूओं को समर्पित है। इसलिए इस दिन हर शिष्यों के द्वारा अपने गुरु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। कहा जाता ह कि गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय ,बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय, इसी क्रम में विश्व विख्यात हथियाराम शक्ति पीठ के 25 वें महंत रहे श्री बालकृष्ण यति जी महाराज के परम प्रिय शिष्य एवं उत्तराधिकारी 26 वें महंत महामंडलेश्वर श्री भवानी नंदन यति जी पीठाधीपति बने जिनके सान्निध्य में गुरु पूर्णिमा पर जखनिया तहसील अंतर्गत हथियाराम में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अपने गुरु के शिष्य शिरोमणि महंत परम पूज्य भवानी नंदन यति महाराज ने अपने गुरु बालकृष्ण यती जी का मंत्रोचार के बीच वैदिक मंत्रों से पूजन वंदन किया तथ उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर आरती उतारी और आशीर्वाद प्राप्त किया। महामंडलेश्वर पहवारी श्री भवानी नंदन यति जी के गुरु पूर्णिमा समारोह में उपस्थित भारी तादाद में शिष्यों ने भी कोविड-19के गाइड लाइन्स का पालन करते हुए अपने गुरु का पूजन अर्चन करके गुरु का स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त किया।विदित है कि हथियाराम मठ करीबन सात सौ साल पुराना मठ है। जिसके अबतक 25 मठाधीश रह चुके हैं।
, 26 वें महंत के रूप में महामंडलेश्वर बाबा भवानी नंदन यति जी आज विराजमान है।
यह मठ
, बुढ़िया माई के नाम से प्रसिद्ध है। जहां आज भी श्रद्धा और भक्ति का शैलाब उमड़ता है।