कमिश्नर साहब: हरियाणा से आ रहे उप खनिज परिवहन पर क्यों नहीं लग रही लगाम?

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  

सहारनपुर । हरियाणा से आ रहे सम्पूर्ण उप खनिज परिवहन पर अविलम्ब रोक लगाने की मांग को लेकर यूपी के स्टोन क्रेशर स्वामियों ने मण्डलायुक्त को ज्ञापन प्रेषित कार्यवाही की मांग की है। मण्डलायुक्त को सौंपे ज्ञापन में जनपद सहारनपुर के स्टोनक्रेशर स्वामियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अवगत कराया कि यमुना नगर तथा हरिद्वार से जनपद की सीमा में आ रहे अवैध खनन की वजह से उनका कारोबार चैपट हो गया है तथा राज्य सरकार को भी भारी राजस्व की हानि हो रही है। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि यमुनानगर की सीमा यमुना नदी के पश्चिम तट से लगती है जिससे सटे हुए किनारे पर यमुनानगर के सैकड़ों स्टोन क्रेशर स्थापित हैं, जो यमुना नदी तथा आसपास से अवैध खनन कर खनन सामग्री अपने क्रेशरों पर जमा करते हैं तथा उस सामग्री को प्रोसेस कर अन्य राज्यों में सस्ते प्रपत्रों से क्रय कर परिवहन प्रपत्र निर्गत कर जनपद सहारनपुर की सीमा से परिवहन कराकर प्रदेश के कई जनपदों को खनन सामग्री की आपूर्ति करते है। अन्य राज्यों से बोगस खरीद दिखाकर प्रपत्र जारी करने का जो घोटाला काफी समय से यमुनानगर में चल रहा था उसका खुलासा निदेशक खनन हरियाणा के पत्र दिनांक 1.7.21 से हुआ है जिससे गोवा, दमन एवं दीव, उडीसा, महाराष्ट्र, असम, मिजोरम, बिहार आदि राज्यों से यमुनानगर के स्टोन क्रेशर कच्चा माल लाकर उसे प्रोसेस कर बेचेन का खुलासा हुआ जो कि असंभव है, क्योंकि जितने का माल है,उससे कहीं ज्यादा परिवहन भाड़ा लगेगा। बड़े पैमाने पर हरियाणा व उत्तराखण्ड से जनपद में अवैध खनन का खेल खेला जा रहा है। और उपखनिजो को यूपी के कई जिलों में बेचा जा रहा है।

पत्र में यह भी अवगत कराया गया कि पूर्व में भी जिला प्रशासन द्वारा एक जांच दल का गठन कर यूपी एवं हरियाणा की सीमा पर चैकिंग कराई गयी थी, परंतु हरियाणा से परिवहन कर रहे वाहनों के साथ जो प्रपत्र निर्गत किये जाते हैं, उनमें कोई तकनीकी गडबडी जांच दल द्वारा  नहीं पकडी गयी क्योंकि हरियाणा से आ रहे खनन सामग्री के प्रपत्रों के साथ स्टोन क्रेशर के भण्डारण से पूर्व ही कूटरचना की जाती है कि ताकि स्टोन क्रेशर से निर्गत होने वाले प्रपत्र में कोई गडबड़ी न पकड़ी जाए, इनके प्रपत्र अवैध तथा फर्जी होते हैं, लेकिन जांच टीम की आंखों से न जाने क्यों छूट जाते हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से मांग की है कि हरियाणा व उत्तराखण्ड से आ रहे सम्पूर्ण उपखनिज परिवहन पर प्रतिबंध लगाया जाये। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से राजीव कुमार, भूपेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, गुरमेल सिंह, मुशर्रफ, विनोद आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।