ईद

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


ख़िज़ाँ हो चमन हो

विरह हो मिलन हो 

सदा ईद     है गर 

वतन में अमन हो


मनाना   रुठाना 

दिलों में  बिठाना

सभी  ईद  है बस 

वतन में अमन हो


निशा हो गृहन हो

चमकती    किरन

मुझे  ईद  है  सब

वतन में अमन हो


स्वरचित और मौलिक रचना

इक़बाल अहमद सहसवान

बदायूँ उत्तर प्रदेश