युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
कहते हैं स्वस्थ शरीर में ही ईश्वर का वास होता है। इसलिए तन-मन को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। लोग खुद को फिट रखने के लिए, खुद को बीमारियों से दूर रखने के लिए और खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए लोग योग का सहारा लेते हैं। यही नहीं, कोरोना वायरस महामारी ने तो हर किसी को सीखा दिया कि हमें अपने शरीर को लेकर कितना सजग रहना चाहिए, अपने शरीर का खास ख्याल रखना चाहिए, बीमारियों से कैसे बचना चाहिए और अगर स्वस्थ रहना है तो इसमें हमारी मदद योग भी कर सकता है। कोरोना काल में काफी लोगों ने योग करके खुद को स्वस्थ रखा। ऐसे में अगर आप भी योग से जुड़ना चाहते हैं, तो आप प्राणायाम कर सकते हैं। लेकिन लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि आखिर प्राणायाम कितने प्रकार के होते हैं? इन्हें कैसे किया जाता है? और इसके फायदे क्या हैं? अगर आपके मन में भी ये सवाल घूम रहे हैं, तो चलिए इनके बारे में जानते हैं।
1. अनुलोम-विलोम प्राणायाम
ये एक नाड़ी शोधन प्राणायाम है, जो व्यक्ति के शरीर के सभी नाड़ियों का शोधन करता है। इसे करते समय आपको दोनों नाक से सांस लेनी होती है और फिर छोड़नी होती है। इसे करने से कई फायदे मिलते हैं। जैसे- फेफड़े मजबूत होते हैं, सर्दी-जुकाम में बचाव करता है, गठिया के लिए फायदेमंद होता है, पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है, तनाव और चिंता दूर होती है आदि।
2. कपालभाति प्राणायाम
इसमें आपको पैरों को मोडकर बैठना चाहिए, और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखना चाहिए। इसके बाद सामान्य तरीके से 2-3 बार सांस लें। सांस काफी जोर से अंदर लेनी है और फिर उनती ही तेजी से बाहर छोड़नी है। सांस लेने का असर आपके पेट पर नजर आना चाहिए। इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में, मेटाबॉलिज्म में सुधार करने में, एसिडिटी में राहत पहुंचाने में लाभ मिलता है।
3. नाडी शोधन प्राणायाम
इसमें आपको पैरों को मोडकर बैठाना है और इस दौरान आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। इसके बाद दाएं नाक के छिद्र को दबाते हुए बाएं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालें। ठीक ऐसे ही दूसरी तरफ से भी करें। 10-15 मिनट तक इसको करते रहें। इसे करने से हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क स्वस्थ रहते हैं, क्रोध, चिड़चिड़ापन बेचैनी, माइग्रेन, नींद न आने जैसी चीजों में लाभ मिलता है।
4. शीतली प्राणायाम
इसमें भी आपको पैर मोड़कर ही बैठना है, और फिर 6 बार गहरी सांस लेनी है। इसके बाद मुंह से ओ शेप बनाते हुए सांस को अंदर लें और नाक के जरिए सांस को बाहर निकालें। इसे करने से ब्लड प्रेशर, पेट के अल्सर, एसीडिटी, पाचन शक्ति बढ़ाने में, दिल की बीमारियों में आदि आराम मिलता है।
5. उज्जायी प्राणायाम
इसमें भी आपको पांव मोड़कर बैठना है, और फिर समुद्र की लहरों की तरह सांसों के जरिए आवाज निकालनी है। आपको जोर से सांस लेनी है, जिससे की गले तक से आवाज आए। इसके बाद अपने मुंह को बंध रखें और नाक से सांस को बाहर छोड़ें। इससे मन को शांति मिलती है और शरीर में एक नई ऊर्जा पैदा होती है।
6. दीर्घ प्राणायाम
इसमें आपको लेटना है, और तेज सांस लेनी है ताकि आपका पेट फूले। इसके बाद इसी मुद्रा में रहकर आपको धीरे-धीरे सांस बाहर छोडनी है। इसे आप पांच से छह बार जरूर करें। इसे करने से मन और दिमाग को शांति मिलती है, शरीर में सकारात्मक एनर्जी तैयार होती है, सायकीक मरीज को लाभ मिलता है, माइग्रेन के दर्द में, डिप्रेशन और दिमाग से जुड़ी दिक्कतों में लाभ मिलता है।
7. भ्रामरी प्राणायाम
इसमें आपको अपने अंगूठों की मदद से अपने कानों को और अपनी अंगुलियों की मदद से अपनी आंखों को बंद करना है। इसके बाद आपको ओम का उच्चारण करते हुए एक गहरी सांस लेनी है और फिर उसे छोड़ना है। इससे गुस्सा, अवसाद और तनाव दूर होने में मदद मिलती है, साथ ही माइग्रेन की समस्या में भी लाभ मिलता है।
8. भस्त्रिका प्राणायाम
इसमें आपको पैर मोड़कर बैठना है, और फिर तेज गति से सांस अंदर लेनी है और फिर बाहर छोड़नी है। इसके बाद इसे धीरे-धीरे करें और फिर समाप्त कर दें। इसे करने से सर्दियों में शरीर गर्म रखने में मदद मिलती है, फेफड़े, नाक, आंख, लिवर, किडनी और कान को स्वस्थ रखने में लाभदायक है।
9. मूर्छा प्राणायाम
इसमें आपको बिना सांस लिए सांस छोड़नी होती है। लेकिन ध्यान रहे कि ये एक कठिन प्राणायाम होता है, और हर किसी के लिए करना ये कठिन होता है। इसलिए इसको किसी योग गुरू की देखरेख में करना चाहिए। इसे करने से तनाव, चिंता और डिप्रेशन से बचने में लाभ मिलता है।
10. प्लाविनी प्राणायाम
इसे पानी के अंदर किया जाता है। इसलिए इसे अनुभवी लोग ही कर पाते हैं। ऐसे में आपको इसे अकेले में नहीं करना चाहिए। इसमें अपनी सांसों पर नियंत्रण रखना होता है, ताकि आप पानी के अंदर भी शांत मुद्रा में रह सकें। ये आसान पाचन शक्ति को बढ़ाने में, आयु बढ़ाने में, शांति दिलाने में, तनाव को कम करने में, चिंता को कम करने में और तैरने में सहायक होता है।