विनती सुन लो पालनहार

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

सपनों  का दे दो  संसार  , मानूँगी  तेरा  आभार ||

विनती सुन लो पालनहार, महिमा तेरी अपरम्पार ||

विनती तुमसे करती खास, करना प्रभु मेरे  मन वास |

मुझको तुम  पर  है विश्वास,पूरी  कर  दो ;मेरी  आस ||

तुम हो जग के खेवनहार, कर दो मुझको भव से पार |

विनती सुन    लो   पालनहार, महिमा तेरी  अपरम्पार ||

 दीनों का दे पाऊँ साथ,रख दो प्रभुवर मुझ पर हाथ |

अब प्रभु पकड़ो मेरा हाथ,तुम हो सारे जग के नाथ ||

सत  से हो पाऊँ  उजियार, कर दो मुझ पर यह उपकार |

विनती  सुन  लो   पालनहार,महिमा  तेरी  अपरम्पार ||

दिल मैं सबका पाऊँ जीत, माने सब मुझको मनमीत |

सच्चाई हो मेरा धर्म, सेवा करना मानूँ कर्म ||

खुशियों का हो अब विस्तार, तुम ही जग पालक दातार |

विनती सुन   लो  पालनहार,महिमा  तेरी  अपरम्पार ||

अधरों पर आये मुस्कान, सुंदर शब्दों से हो मान |

कर मैं पाऊँ तेरा ध्यान, जाने कब हो तन अवसान ||

भर दो मन में नव संचार, भव सागर की बन पतवार |

विनती सुन लो पालनहार,महिमा तेरी अपरम्पार ||

_____________________________________

कवयित्री

कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "

लखनऊ

उत्तरप्रदेश