युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
सपनों का दे दो संसार , मानूँगी तेरा आभार ||
विनती सुन लो पालनहार, महिमा तेरी अपरम्पार ||
विनती तुमसे करती खास, करना प्रभु मेरे मन वास |
मुझको तुम पर है विश्वास,पूरी कर दो ;मेरी आस ||
तुम हो जग के खेवनहार, कर दो मुझको भव से पार |
विनती सुन लो पालनहार, महिमा तेरी अपरम्पार ||
दीनों का दे पाऊँ साथ,रख दो प्रभुवर मुझ पर हाथ |
अब प्रभु पकड़ो मेरा हाथ,तुम हो सारे जग के नाथ ||
सत से हो पाऊँ उजियार, कर दो मुझ पर यह उपकार |
विनती सुन लो पालनहार,महिमा तेरी अपरम्पार ||
दिल मैं सबका पाऊँ जीत, माने सब मुझको मनमीत |
सच्चाई हो मेरा धर्म, सेवा करना मानूँ कर्म ||
खुशियों का हो अब विस्तार, तुम ही जग पालक दातार |
विनती सुन लो पालनहार,महिमा तेरी अपरम्पार ||
अधरों पर आये मुस्कान, सुंदर शब्दों से हो मान |
कर मैं पाऊँ तेरा ध्यान, जाने कब हो तन अवसान ||
भर दो मन में नव संचार, भव सागर की बन पतवार |
विनती सुन लो पालनहार,महिमा तेरी अपरम्पार ||
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कवयित्री
कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "
लखनऊ
उत्तरप्रदेश