......बरसात में हम तुम......

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क  


अचानक हुई बारिश में जब हम तुम भीगें

कभी तुम मेरे पीछें कभी मैं तुम्हारे पीछे।l


हाथ पकड़ा तुमने फिर भीगे दोनों साथ-साथ।

उस क्षण कविता का भाव हमारे मन में पनपे।।


 ढ़ेरों खुशियों से वर्षा का नाता बहुत है गहरा,

  लगे ना फिर हम पर तब कोई भी पहरा।l


   मिले जब हम तुम,बारिश करे स्वागत का गुणगान 

 हाथ थामो तुम काश फिर ना रुके और करो ध्यान ll


चाय- पकौड़े तुम संग खाना मजा हो जाए दुगुना,

अदरक, इलायची भी भूलते तुम, हमें पर ना भूलना ।।


बारिश से प्रेम जो पनपे पर ना सताए किसी को,

 किसी की मदद करने को बारिश सच्चा बहाना।।


बच्चों और बुजुर्गों का रखना होता है खास ख्याल

बारिश में चाहिए थोड़ी उनकी खास देखभाल।


फिसलन से सड़क का होता बुरा हाल रखो ख्याल,

प्रेरणा करें दुआ सुरक्षित रहे सभी का जान माल।।


✍️ डॉ. प्रेरणा गर्ग दिल्ली