भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्ट

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

वित्त वर्ष 2024 25 के लिए सरकार ने अंतरिम बजट पेश कर दिया गया है। इस बजट में सामाजिक न्याय का प्रशासनिक मॉडल दर्शाया गया है, जिसमें गरीब, युवा, महिला व किसानों के विकास पर जोर दिया गया है। इस रूपरेखा से देश का समग्र विकास संभव है। सरकार ने इस वक्त अपने मकाम की दहलीज पर खड़े होकर जनता को आश्वस्त किया है कि वह राजनीतिक संरक्षण के बजाय देश के आर्थिक हितों को प्राथमिकता दें। हमारी अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और वह तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर है।

इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेजी से वृद्धि करते हुए 3 करोड़ मकान के आवंटन के अलावा नए 2 करोड़ परिवारों को पक्के आवास और शहरों में अपने ठिकानों के लिए परेशान मध्यम वर्ग के लिए नई आवासीय योजना पर कार्य करने की पहल की है। 

इस वर्ष के पूंजीगत खर्च पर फोकस करके हमने कोरोना के प्रभाव से चोटिल अर्थव्यवस्था से उभरते हुए नए क्षेत्रों अनुसंधान, शोधकार्य, तकनीकी विकास के जरिए विकास को गति देने का प्रयास किया है।इससे हमारा आत्मविश्वास और अधिक बढ़ जाता है कि हम किसी भी विषम परिस्थिति का मुकाबला करने में सक्षम बन चुके हैं। इस वक्त चल रहे इसराइल व हमास के बीच युद्ध और रशिया- युक्रेन के बीच घोर तनावग्रस्त स्थिति होने से विदेशों में प्रतिकूल वातावरण बनने के बावजूद भारत देश की विकासशील अर्थव्यवस्था को आघात लगने से बचा लिया गया है।

 हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शिता पूर्ण सूझबूझ भरे निर्णयों के माध्यम से आज हम तरक्की की राह पर सकारात्मक रूप से तेजी से बढ़ पा रहे हैं। हमारे देश के उच्च टेक्नोलॉजी के उत्थान ने विश्व पटल पर लोगों की नींद उड़ा रखी है, जो गतिशील तरीके से तकनीकी का विकास संभव बना रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव और नवीनतम योजनाओं के जरिए आर्थिक स्तर में सुधार सभी के लिए अचरज भरी बात साबित हो रही है। 

वर्तमान बजट को 21वीं सदी के मध्य तक विकसित भारत बनाने के संकल्प के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसमें जिस वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाकर योजनाएं खड़ी की जा रही हैं, उससे हमारी जीडीपी घट रही है। हमारे विकास दर में तेजी से वृद्धि हो रही है। जीडीपी मॉडल में गवर्नेंस यानी प्रशासनिक सुधार और परफॉर्मेंस पर जोर देकर सही नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। 

मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम्स के माध्यम से लोगों की आय बढ़ाने के लिए सार्थक पहल के प्रावधान हैं। इससे देश अच्छा प्रदर्शन करते हुए विश्व स्तर पर मौजूद प्रमुख तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में अपना स्थान अर्जित कर सकता है। इस वक्त देश के किसानों को समृद्धि के लिए नए अवसर मिल रहे हैं, जो भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए प्रेरित करता है। जब बात गरीब और अन्नदाताओं के उत्थान की हो तब सरकारी नीतियां उनके लिए बुनियादी ढांचे में विकास पर जोर दे रही है। आबादी नियंत्रण के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन का प्रावधान रखा गया है।

 इसकी संरचनात्मक रूपरेखा जो तय की जानी है, उससे अंतरिम बजट की धारणा को मजबूती प्रदान करते हुए विचाराधीन बनाया जा रहा है। मौजूदा उल्लेखनीय बिंदुओं को कायम रखते हुए यदि अर्थव्यवस्था के मुख्य आयामों पर चर्चा की जाए तो प्रथम ध्यान हमारे रक्षा बजट पर जाता है, जहां 27000 करोड रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता एवं निर्यात को बढ़ावा देने से हमें न सिर्फ सुरक्षा के दृष्टिकोण से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाना होगा बल्कि तेजी से लाभ की उम्मीद भी बंधानी होगी। 

 सामाजिक न्याय के हित में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार देश की मातृशक्ति के लिए सशक्त नारी योजनाएं बनाई जा रही है, जिससे भारत समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है। 

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक निषेधक कानून बनने की वजह से गुलामी की दास्तां से मुक्ति मिली है। कानून बन जाने की वजह से वह अपने आप को बहुत सक्षम महसूस कर रही हैं। महिला उद्यमियों के लिए भी मुद्रा योजना में ऋण देने के विचार प्रमुखता से उजागर किए गए हैं, इससे महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान में दृष्टिगत बदलाव परिलक्षित होता है। 

महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए सरकार की नीतियां नारी शक्ति बंधन अधिनियम लाकर अपने स्पष्ट दृष्टिकोण से अवगत करवा चुकी है। इस देश की मातृशक्ति को स्वस्थ, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य आर्थिक व सामाजिक उन्नति की दिशा में एक विशेष पहल के रूप में सामने दिखाई पड़ रहा है।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सूर्योदय योजना का ऐलान किया। 

जिससे एक परिवार द्वारा हर महीने 300 यूनिट तक की बिजली निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा सकेगी। सौर ऊर्जा को कई तरह से प्रोत्साहित करने का काम तो एक तरफ चल ही रहा है कि पवन ऊर्जा लगाने के लिए कंपनियों को अतिरिक्त फंड देकर योजनाबध्द तरीके से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पीएनजी व सीएनजी की उपलब्धता बढ़ सकेगी और रसोई गैस की आपूर्ति में होने वाली कमी को पूरा किया जा सकेगा। बायोगैस मिलने से न सिर्फ प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी बल्कि बड़े पैमाने पर बायोगैस बनाने वाली कंपनियों का उद्भव भी संभव हो सकेगा।

इस समय देश में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है। उसे मध्येनजर रखते हुए सरकार ने आध्यात्मिक तीर्थाटन को भी पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका देने की सोच रखते हुए विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त करने का फैसला ले लिया है। इसके लिए मौजूदा सुविधाओं और सेवाओं में गुणवत्ता की रेटिंग भी बढ़ेगी और राज्यों को आय बढ़ाने के उचित अवसर भी मिल सकेंगे। 

एक विशेष प्रावधान के तहत लक्षद्वीप को अब देश के एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का दूरगामी विचार एक इन्नोवेटिव प्रयास होगा। तिलहन, दलहन, दुग्ध और मछली पालन को प्रोत्साहित कर किसानों की आय बढ़ाने के उपायों की सुलझी हुई विचारधारा सामाजिक रूप से विभिन्न स्तरों में बंटे हुए कृषक समाज का संतुलन साधने में कारगर सिद्ध होगी।

चुनावी दहलीज पर खड़े होकर भाजपा सरकार ने लोकलुभावन घोषणाओं के बजाय विकास की राजनीति में एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो अत्यंत सराहनीय है। इस वक्त जो सामाजिक न्याय व समानता के अवसर पैदा करते हुए भविष्य को निखारने की नीति अपनाई जा रही है उससे लगता है कि केंद्र सरकार का विश्वास जनता में विशेष गूंज  कायम कर पा रहा है। इसका एक विशेष अतुलनीय अंश यह माना जा रहा है कि विगत 10 सालों में जो कुछ सरकारी तंत्र से कहा गया, उसे पूरा भी किया है।

 वादों को निभाया गया और आश्वासनों पर कारगर कदम उठाए गए। इस आधार पर विकास का जो चित्रण उभर कर आया है, उसमें ग्रामीण और गरीब लोगों के लिए ढेर सारी सुविधाओं के साथ उन्हें शिक्षा और चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधा भी आसान तरीके से उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सड़क, रेल और हवाई यातायात का परिदृश्य इतना बदल हुआ है कि लोग कम समय में अधिक तरक्की के बारे में सोचने लगे हैं।

हालांकि अंतरिम बजट की अपनी सीमाएं होती हैं, फिर भी सरकार ने आधारभूत ढांचे के विकास को प्राथमिकता देते हुए शोध और अनुसंधान के लिए एक लाख करोड रुपए के कोर्स का प्रावधान रखा है। इस क्षेत्र में काम किए बिना कोई भी देश विकसित नहीं बन सकता इसलिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी से 5.1% तक ही सीमित करने का लक्ष्य है। कुल मिलाकर मोदी सरकार का यह बजट इंक्लूसिव और इन्नोवेटिव होने के साथ-साथ भविष्य के लिए दूरगामी दृष्टिकोण वाला है। 

यह वर्तमान सामाजिक ढांचे और स्तर को अच्छी तरह से पहचानते हुए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में नए प्रतिमान स्थापित कर सकता है। स्टार्टअप्स, स्टैंड अप प्रोग्रामों से लेकर आवास योजनाएं, किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री अन्न योजना का प्रभावशाली क्रियान्वयन यह बताता है कि कमजोर तबके के लोगों के लिए जो जन-धन योजना के तहत अकाउंट खोले गए थे उसमें डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हो रहे हैं।‌ इससे योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंच पा रहा है।

 लोकतंत्र जनसांख्यिकी व विविधता की त्रिमूर्ति हर भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार रहेगी। सभी प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर फिजिकल और डिजिटल दोनों पर जोर देकर रोजगारों को बढ़ाने की दिशा में बेहतर सोच के साथ सरकार का पूंजीगत निवेश बढ़ाने का उद्देश्य बेरोजगारी मिटाना ही नहीं बल्कि महंगाई को भी नियंत्रित करने का कारगर उपाय साबित होगा।

इस वक्त जहां महंगाई एक विषम मुद्दे के रूप में सामने आ रही है, वहीं आर्थिक दशा और दृष्टिकोण से विकास में देश के सभी क्षेत्रों को लाभ दिलवा कर सरकार उनके आर्थिक स्तर को सुधारने की दिशा में गंभीरता से विचार भी कर रही है। 'एक राष्ट्र एक कर' के रूप में प्रभावकारी जीएसटी का लागू किया जाना सफलता के सोपान की महत्वपूर्ण सीढी के रूप में  देखा जा सकता है। 

जहां लोगों का विश्वास तेजी से उभरकर परिलक्षित हुआ है, विदेशी निवेश के प्रोत्साहन के लिए भी सरकार इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज की अथॉरिटीज के रूप में एक संगठन बनाने के लिए पहल कर चुकी है। बड़ी घोषणाओं के लिए पूर्ण बजट की प्रतीक्षा रहेगी लेकिन यह ध्यान रहे कि मोदी सरकार के कदम अब रुकने वाले नहीं है। वह किसी का इंतजार नहीं करेंगे। यह अपने वादे के मुताबिक विकास की राह पकड़ चुके हैं और अब अपना लक्ष्य 2047 हासिल करके ही रहेंगे।

डॉ. मनीष दवे, महालक्ष्मी नगर, इंदौर