युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
Pradosh Vrat 2024: देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत विशेष माना गया है। हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। इस बार साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत पौष माह में 9 जनवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा। इस दिन मंगलवार होने के कारण यह भौम प्रदोष व्रत होगा। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक को आरोग्य जीवन प्राप्त होता है। साथ ही महादेव की कृपा सदैव बनी रहती है। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान भगवान शिव के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से घर में खुशियों का आगमन होता है और पूजा सफल होती है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे प्रदोष व्रत पूजा मंत्र के बारे में, जिनका जाप करना बेहद शुभ होता है।
प्रदोष व्रत के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव नामावली मंत्र
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
शिव प्रार्थना मंत्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
प्रदोष व्रत का महत्व
ज्योतिष शास्त के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से दो गायों को दान करने के समान साधक को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कर्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है और घर में खुशियों का आगमन होता है। प्रदोष व्रत की पूजा संध्याकाल में की जाती है। प्रदोष व्रत के अवसर पर रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है।