युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
Paush Amavasya 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि पर अमावस्या मनाई जाती है। इस प्रकार 11 जनवरी को पौष अमावस्या है। यह दिन पितरों को समर्पित होता है। अतः अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। गरुड़ पुराण में निहित है कि पूर्वजों के अप्रसन्न होने से जातक को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
साथ ही दुर्घटना का खतरा बना रहता है। अतः विशेष तिथि पर (पूर्णिमा, अमावस्या) पितरों की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिषियों की मानें तो अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव एवं विष्णु की पूजा करने से कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों के प्रभावों एवं दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही बिगड़ी किस्मत भी बन जाती है। अगर आप भी अपने करियर और कारोबार को नया आयाम देना चाहते हैं, तो पौष पूर्णिमा पर इन 3 चीजों से भगवान शिव का अभिषेक करें। आइए जानते हैं-
गंगाजल
शिव पुराण में निहित है कि भगवान शिव महज जलाभिषेक से प्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए साधक सोमवार समेत सभी शुभ अवसरों पर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। आप काले तिल, बेलपत्र और सफेद फूल मिश्रित गंगाजल से भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं। इस उपाय को करने से भाग्योदय होता है।
शुद्ध घी
ज्योतिषियों की मानें तो मनचाही मुराद पाने के लिए भगवान शिव का शुद्ध घी से अभिषेक करना चाहिए। अगर आप मनोवांछित फल पाना चाहते हैं या विशेष कार्य में सिद्धि पाना चाहते हैं, तो पौष अमावस्या पर स्नान-ध्यान के बाद शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। साथ ही कुंडली में चंद्रमा और शुक्र दोनों ग्रह मजबूत होते हैं।
पंचामृत
भगवान शिव को पंचामृत अति प्रिय है। अतः पौष अमावस्या पर दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर श्वेत वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात, विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। इस समय पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से दांपत्य जीवन मधुर होता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।