ज़रा अदब से

उतारना पुराने कैलेंडर को

कितने दिनों, हफ़्तों, महीनों

की खट्टी , मीठी, कड़वी, 

सुख, दुःख, दर्द, हँसी, आँसूं,

गम, खुशी,संयोग, वियोग

की यादें जुड़ी हैं जाते साल से

ज़रा अदब से विदा करना साल

 को ताकि खुशियों , राहतों ,

चाहतों, अरमानों,

सुखमय, खुशहाल, समृद्धि 

से भरा हो नया साल

न कोई आपदा, विपदा, 

बीमारी, तनाव, आतंक , 

दुघर्टना , प्रलय 

बस सुख चैन, अमन ,शांति

हर घर, आंगन हो महकता,

 चहकता खुशियों से

ज़रा अदब से विदा करना जाते साल को

हर पुरानी कड़वी याद को

हर पुराने दुःख , कलेश को

हर पुराने ज़ख्म को

जो भी बिता बस बीत गया

कर संतोष

बाहें खोल बड़े ही अदब से,

 विश्वास से खोल बाँहें करें 

स्वागत नए साल का, 

नए दिन, नया हफ्ता,

 नया महीना, नया कैलेंडर, 

नई सुबहें, नए दिन, नई रातें 

बस सब कुछ हो नया नया अच्छा अच्छा

बड़े अदब से सिर झुका कर 

हाथ जोड़कर करते हैं स्वागत नव वर्ष का।।

.....मीनाक्षी सुकुमारन

        नोएडा