गागा,ल लगागा गालल गा

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क


नारी,  तल नीचे पीर सहें।

झेले, जब जुल्में,आश बहें।

चाहें , तड़पें, हो द्रव्य नहीं-

कैसे, उसको आजाद कहें?


 कक्षा,  पहुंचें  उत्साह रखें ।

 थोड़े, दिन विद्या स्वाद चखें।

 ऊंची,  जब श्रेणी, पाठ तजें-

 शिक्षा, न बढ़े, वामा बिलखें।


मीरा भारती,

पटना, बिहार।