पर्यावरण से मत कर खिलवाड़

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 


अरे इंसान पर्यावरण से मत कर तु खिलवाड़

पेड़-पौधों को काटकर, क्यों करता है उजाड़।

इन्ही पेड़-पौधों से होती है वसुंधरा का श्रृंगार

यही है सारे जीव-जगत का, सुंदर वन विहार।


ये पेड़-पौधे हमारे, हितैषी और शुभचिंतक हैं

इनके बिना  हमारा, जीवन बेकार निरर्थक है।

यही तो हमारे जीवन के आधार मार्गदर्शक हैं

इनसे ही तो यह जीवन सफल और सार्थक है।


विकास की आड़ में विधवंस को नही बुलाएं

प्रकृति से खिलवाड़ करके फर्ज नही भुलाएँ।

जैसा भी हो प्रकृति से, जरूर संतुलन बनाएं

प्रकृति का संरक्षण करें,इसको गले में लगाएं।


अभी न सम्हलेंगे और इनसे खिलवाड़ करेंगे

तब हमे भयानक परिणाम भी, भुगतने होंगे।

जमीन-आसमान,पर्वत-पठार हिम ये दहलेंगे

ये धरती कांपेगी,भूकंप आएगा,बादल फटेंगे।


और धरा में भयानक काल-कयामत आएगी

सब जीव-जगत को अपने आगोश मे ले लेगी।

और फिर इस मानव को, करनी याद आएगी

भूल सुधारना चाहेगा पर बहुत देर हो जाएगी।


अशोक पटेल "आशु"

तुस्मा,शिवरीनारायण छ्ग

९८२७८७४५७८