स्वामी विवेकानंद सनातन धर्म के अग्रदूत संत एवं युवाओं के आदर्श: कालेन्द्रानंद

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

सहारनपुर। राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में स्वामी विवेकानंद जन्मोत्सव अवसर पर स्वामी कलेंद्रानंद जी महाराज ने कहा स्वामी विवेकानंद सनातन धर्म के अग्रदूत संत एवं युवाओं के आदर्श है। श्री राम कृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित स्वामी विवेकानंद जन्मोत्सव अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी के प्रतिमा की विधिवत पूजा कर सभी सेवकों के द्वारा माल्यार्पण किया गया और और गरीबों को वस्त्र एवं राशन वितरित किया गया और निशक्तजनों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।      

स्वामी विवेकानंद के चरित्र के महत्व को समझाते हुए स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा स्वामी विवेकानंद के विचारों का आधार परमार्थ, निस्वार्थ सेवा एवं समर्पित भाव से जन-जन की सेवा करना है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस से दीक्षित होकर साधना एवं ज्ञान के मार्ग से अखंड शक्ति प्राप्त कर सनातन धर्म के अग्रदूत संत एवं सनातन धर्म को विश्व स्तर पटल पर विश्व धर्म गुरु स्थापित करने का श्रेय स्वामी विवेकानंद जी को ही जाता है 1893 में अमेरिका शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने स्वामी विवेकानंद गए जहां उन्होंने सभी धर्म ग्रंथो के वैचारिक संतो को झुकने के लिए मजबूर कर दिया और सनातन धर्म को एक अथाह समुद्र रूप में वर्णित करते हुए कहा सनातन धर्म ऐसा आधार है जिसमें से सब कुछ प्रकट होता है और सभी कुछ उसी में समा जाता है। 

उन्होंने प्रमाणित कर दिया की सभी सभ्यताएं मत पंथ धर्म सनातन धर्म से ही प्रकट हुए हैं विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी जी ने सनातन धर्म को विश्व के सर्वाेच्च शिखर पर विश्व धर्म गुरु के रूप में स्थापित कर सनातन धर्म का परचम लहराया। आज युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्श विचारों की आवश्यकता है आधुनिकता में पड़कर नशे की लत विभिन्न प्रकार के व्यसन जो युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं। 

उन्हें स्वामी विवेकानंद के विचारों से जोड़कर धर्म का सच्चा पथिक बनाया जा सकता है। इस अवसर पर मेहरचंद जैन राजेंद्र धीमान अश्विनी कंबोज सागर गुप्ता भूपेंद्र पुंडीर सरदार हरबंस सिंह तनेजा अमर सिंह कश्यप अनिल चौहान अजब सिंह रमेश शर्मा विकास वर्मा नरेश त्यागी नरेश चंदेल प्रेम सिंह ललित कंबोज बबीता वर्षा उमा सुचेता करुणा आदि रहे।