गर्भगृह से रामलला की पहली तस्वीर आई सामने, पूरे अनुष्ठान के साथ की गई स्थापना, कर्नाटक के प्रसिद्ध मुर्तिकार ने बनाई मूर्ति

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने वाला है। ऐसे में कार्यक्रम से पहले गुरुवार शाम को पूरे विधि-विधान से श्रीराम लला के विग्रह को नवर्निमित भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर रामलला की गर्भगृह से पहली तस्वीर सामने आ गई है। तस्वीर में रामलला गर्भगृह में बालस्वरुप में नजर आ रहे हैं। 

कर्नाटक के प्रसिद्ध अरुण योगीराज ने बनाई है मूर्ति 

राम मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई है। वहीं गुरुवार को श्रीरामलला को गर्भगृह में विराजमान करने से पहले विभिन्न संस्कार और पूजन किए गए हैं। प्राण-प्रतिष्ठा के लिए विशेष रुप से काशी से आए पुरोहितों ने कार्यक्रम को पूरे विधि विधान के साथ संपन्न कराया है। ये पूरा कार्यक्रम खत्म होने के बाद गुरुवार रात को रामलला की गर्भगृह से पहली तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। 

परिसर में पहुंच चुकी है कई सारी मूर्तियां 

आपको बता दें कि 22 जनवरी को पीएम मोदी और सीएम योगी की मौजूदगी में विभिन्न अनुष्ठानों के बीच प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न करवाया जाएगा। एक पुरोहित ने मीडिया को बताया कि प्रतिमा को 22 जनवरी तक जीवनदायी तत्वों से सुवासित कराया जाएगा, यह सारे रिवाज गुरुवार से शुरु हो जाएंगे। गर्भगृह में भगवान चल के साथ अचल स्वरुप में भी विराजमान होंगे। दोनों प्रतिमाएं बुधवार को ही परिसर में पहुंच चुकी थी। श्यामवर्णी अचल प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित की गई है। इसी के साथ दोनों प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा का संस्कार शुरु हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े सदस्य के अनुसार, बुधवार को श्रीरामलला के दिव्य विग्रह को नव्य मंदिर लाया गया था। विग्रह को पूरी तरह ढककर रखा गया है।

पूरे अनुष्ठान के साथ स्थापित की गई मूर्ति 

गुरुवार को पूरे दिन गर्भगृह में कई तरह के अनुष्ठान पूरे किए जाने के बाद ही भगवान के बाल स्वरुप को उनके स्थान पर विराजमान किया गया है। अभी उनके श्री मुख को छोड़कर बाकी जगह से कवर हटा दिया गया है। विग्रह का पूर्ण अनावरण प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर ही किए जाने की संभावना है। इस सुअवसर पर दोनों पुरोहितों के साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं ट्रस्ट से जुड़े कई लोग उपस्थित थे।