युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर का मुख्य द्वार बहुत ही अहम माना जाता है। मुख्य द्वार से ही घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। मुख्य द्वार से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है इसलिए वास्तु शास्त्र में इसके कई नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों का पालन न किया जाए तो घर में नेगेटिविटी आती है। तो चलिए आपको बताते हैं इन
वास्तु नियमों के बारे में....
सीधा रास्ता न हो
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मेन गेट के आगे सीधा रास्ता नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे घर की महिलाएं बीमारियों से घिरने लगती हैं।
साफ हो मुख्य द्वार
घर का मुख्य द्वार या मेन एंटरेंस बिल्कुल साफ होनी चाहिए। सुबह उठकर घर के मुख्य द्वार पर शुद्ध जल का छिड़काव जरुर करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
टूटी-फूटी चीजें न रखें
जहां पर कभी भी कूड़ादान, टूटी-फूटी चीजें या फिर बहता हुआ नल नहीं होनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, यह चीजें सुख-समृद्धि को रोकती हैं। इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर किसी पेड़, इमारत या फिर मंदिर की छाया भी नहीं पड़नी चाहिए क्योंकि इससे परिवार के सदस्यों पर नेगेटिविटी हावी होती है।
खड़ा हुआ जल स्त्रोत
मेन गेट के सामने कभी भी कुआं या फिर खड़ा हुआ जलस्त्रोत नहीं होना चाहिए। ऐसी चीजें कामों में रुकावट डालती हैं और बाधाएं उत्पन्न करते हैं।
करें ये काम
मेन गेट के अंदर आप चाहें तो किसी भगवान की प्रतिमा लगा सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि प्रतिमा की पीठ घर के अंदर न हो और उसके सीधे दर्शन आपको हों।
स्वास्तिक बनाएं
इसके अलावा यदि आप घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार चाहते हैं तो मुख्य द्वार को सजाकर रखें। मुख्य द्वार पर ऊं या फिर स्वास्तिक भी आप चाहें तो बना सकते हैं। इसके अलावा जहां पर मधुर ध्वनि वाली डोरबेल लगाना शुभ मानी जाती है।